नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस ने ओलंपिक विजेता पहलवान साक्षी मलिक की संन्यास और बजरंग पूनिया के ‘पद्मश्री’ सम्मान लौटाने की घोषणा के बाद शुक्रवार को कहा कि इन खिलाड़ियों का अपमान देश का अपमान है तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना ‘अहंकार’ त्यागकर इन्हें न्याय का भरोसा दिलाना चाहिए था।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी यौन शोषण के आरोपियों के साथ खड़ी है।
तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना ‘पद्मश्री’ सम्मान लौटाने का फैसला किया। इससे एक दिन पहले साक्षी मलिक ने संन्यास की घोषणा की थी।
डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह बृहस्पतिवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की। इस नतीजे से तीन शीर्ष पहलवानों साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को काफी निराशा हुई, जिन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था।
जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे खिलाड़ियों का अपमान सिर्फ़ उनका नहीं, बल्कि पूरे देश का अपमान है। दुनिया में भारत का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों का अपनी ही सरकार के सामने इस तरह बेबस होना शर्मनाक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को कम से कम इस मामले में अपना अहंकार त्यागकर देश को गौरवान्वित करने वाले खिलाड़ियों को न्याय का भरोसा दिलाना चाहिए था। लेकिन प्रधानमंत्री और भाजपा यौन शोषण के आरोपियों के साथ हैं। देश अपने चैंपियन पहलवानों के साथ खड़ा है।’’
पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया कि महिला पहलवानों के साथ ”ज्यादती और अन्याय” के लिए सीधे तौर पर नरेन्द्र मोदी नीत सरकार जिम्मेदार है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘बेटी रुलाओ, बेटी सताओ और बेटियों को घर बिठाओ’’ भाजपा सरकार की खेल नीति बन गई है।
कांग्रेस नेता और मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘महिला पहलवानों के प्रदर्शन को बदनाम करने की कोशिश की गई। मैं पहले दिन से उनके साथ हूं और आगे भी साथ रहूंगा। मैं चाहता हूं कि उनके साथ न्याय हो। ’’
भाषा हक
हक दिलीप
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