जयपुर, 17 दिसंबर (भाषा) पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पड़ोसी देश बांग्लादेश में भारत विरोधी माहौल और हिन्दू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर चिंता जताते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस पर गंभीरता से ध्यान देने की मांग की।
गहलोत ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा, “मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विजय दिवस के अवसर पर कल बांग्लादेश में भारत विरोधी नारे लगे। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मजबूत नेतृत्व में बांग्लादेश को आजादी भारत ने दिलवाई और भारत के साथ बांग्लादेश के अच्छे संबंध रहे, लेकिन दोनों देशों के संबंधों में ऐसी कटुता आना बेहद चिंताजनक है।”
उन्होंने कहा कि भारत के बांग्लादेश के साथ व्यापारिक रिश्ते भी हैं तथा पूर्वोत्तर के राज्यों का तो रोजमर्रा का व्यापार तक बांग्लादेश के साथ चलता है जो अभी रुक गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि बांग्लादेश के आशुपुर में 1971 के युद्ध में योगदान देने वाले भारतीय सैनिकों की याद में बन रहे स्मारक का काम भी बंद है तथा वहां हिन्दू अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार हो रहा है, लेकिन इस विषय में भारत सरकार का कोई पक्ष सार्वजनिक तौर पर अब तक सामने नहीं आया है।
उन्होंने दावा किया, “यह भी विचारणीय है कि बांग्लादेश युद्ध विजय के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था, मगर कल विजय दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने बड़े पैमाने पर कोई आयोजन देशभर में नहीं रखा गया।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश युद्ध में भारतीय सेना ने 90,000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण करवाया था जो इतिहास की एक बड़ी घटना है।
उन्होंने कहा, “क्या यह हम सब की जिम्मेदारी नहीं है कि नई पीढ़ी तक इतनी बड़ी ऐतिहासिक घटना को बताया जाए और इस विजय का जश्न मनाया जाए।”
गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बांग्लादेश में बढ़ रहे भारत विरोधी माहौल और हिन्दू अल्पसंख्यकों के प्रति हिंसा पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए तथा भारत सरकार को कूटनीतिक माध्यमों से सुनिश्चित करना चाहिए कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर सख्ती बरते जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते पहले जैसे हो सकें।
भाषा पृथ्वी नोमान
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