मुंबई, 21 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र की एक अदालत ने राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पूर्व पुलिसकर्मी अभय कुरुंदकर को सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) अश्विनी बिद्रे-गोर की 2016 में हत्या करने के जुर्म में सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी। अभय कुरुंदकर के अश्विनी बिद्रे-गोर के साथ विवाहेतर संबंध थे।
अतिरिक्त सत्र अदालत (पनवेल) के न्यायाधीश के जी पालदेवर ने पिछले महीने कुरुंदकर को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत हत्या और अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया था।
कुरुंदकर के सहयोगियों– कुंदन भंडारी और महेश फलाणीकर को सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराया गया तथा उन्हें सात साल जेल की सजा सुनाई गई।
नवी मुंबई पुलिस के मानवाधिकार प्रकोष्ठ की 37 वर्षीय सहायक पुलिस निरीक्षक अश्विनी बिद्रे-गोर 11 अप्रैल, 2016 को लापता हो गई थीं।
पुलिस ने शुरू में कुरुंदकर, उनके ड्राइवर भंडारी और उनके दोस्तों ज्ञानदेव पाटिल तथा फलाणीकर के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था। विस्तृत जांच के बाद प्राथमिकी में हत्या का आरोप जोड़ा गया। पाटिल को इस मामले में बाद में बरी कर दिया गया था।
पुलिस का कहना है कि कुरुंदकर के बिद्रे-गोरे के साथ विवाहेतर संबंध थे।
अभियोजन पक्ष के अनुसार कुरुंदकर ने 11 अप्रैल, 2016 को पड़ोसी ठाणे जिले के भयंदर में मुकुंद प्लाजा में अन्य लोगों की मदद से बिद्रे-गोरे की हत्या कर दी थी।
उसके बाद उसके शरीर के टुकड़े कर दिए गए और उन टुकड़ों को एक रेफ्रिजरेटर में रखा गया एवं बाद में भयंदर खाड़ी में फेंक दिया गया।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुरुंदकर को 2017 के गणतंत्र दिवस पर सराहनीय सेवा के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था।
ठाणे ग्रामीण पुलिस में इंस्पेक्टर रहे कुरुंदकर को सात दिसंबर, 2017 को गिरफ्तार किया गया था।
भाषा राजकुमार वैभव
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