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मंगलवार, 24 जून, 2025
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हाथियों के लिए प्राकृतिक वास के संरक्षण से मानव-हाथी संघर्ष में कमी आएगी: सिद्धरमैया

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बेंगलुरु, 12 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि हाथियों के लिए प्राकृतिक वास के संरक्षण से मनुष्यों और हाथियों के बीच संघर्ष की घटनाओं में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं की दर चिंताजनक रूप से काफी बढ़ गई है।

विश्व हाथी दिवस के दिन सिद्धरमैया एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्धघाटन के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।

मनुष्य-हाथियों के बीच संघर्ष पर इस केंद्रित दो दिवसीय सम्मेलन का मकसद इस तरह के बढ़ते टकराव से निपटना है। इस सम्मेलन का आयोजन कर्नाटक वन विभाग ने किया था।

इस सम्मेलन में समूचे भारत के वन विभाग के अधिकारी, अकादमिक शोधकर्ताओं और नागरिक समाज के संगठनों के साथ ज्ञान साझा करेंगे ताकि मानव-हाथी संघर्ष के समाधान के लिए साक्ष्य-आधारित समावेशी दृष्टिकोण को सामने लाया जा सके।

सिद्धरमैया ने उद्घाटन समारोह में कहा कि कर्नाटक में विशेष रूप से मानव-हाथी संघर्ष दूसरे राज्यों के मुकाबले ज्यादा होते हैं क्योंकि इस दक्षिणी राज्य में हाथियों की आबादी सबसे अधिक 6,395 है, जो देश की कुल हाथियों की आबादी का लगभग 25 प्रतिशत है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “ कर्नाटक में हाथियों की बड़ी संख्या की वजह से मानव-हाथी संघर्ष की अपरिहार्य चुनौती का सामना करना पड़ता है। पिछले 10 वर्षों में राज्य में इस तरह की 2500 से ज्यादा घटनाएं हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप 350 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और फसलों का नुकसान हुआ।”

सिद्धरमैया ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान बढ़ रहा है और बारिश के क्रम में भी बदलाव हुआ है, जिसके परिमाणस्वरूप संसाधनों में कमी होती है और हाथियों को बस्तियों वाली जगह सहित नये क्षेत्रों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ”

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी चुनौती है, जिसके महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी, सामाजिक और आर्थिक निहितार्थ हैं।

भाषा जितेंद्र संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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