(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने रविवार को कहा कि एकीकृत थिएटर कमान पर सरकार के समक्ष खाका पेश करना और उनकी शुरुआत करना अब प्रमुख प्राथमिकता होगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 2025 को ‘रक्षा सुधारों का वर्ष’ घोषित करने के कुछ दिनों बाद जनरल चौहान ने यह भी कहा कि सेना के तीनों अंगों को एकीकृत संचालन करने में सक्षम बनाने के लिए एक संयुक्त योजना और संचालन कक्ष बनाना संगठनात्मक और संरचनात्मक सुधारों के तहत सेना का एक और फोकस क्षेत्र होगा।
सीडीएस ने एक ‘पॉडकास्ट’ में कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के अभियान, हवाई अभियान, नेटवर्क केंद्रित युद्ध, संयुक्त संचार, पारंपरिक मिसाइल बल, अंतरिक्ष, संयुक्त स्टाफ कार्य, साजो सामान के अलावा अन्य विषयों पर संयुक्त सिद्धांत तैयार किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए ‘विजन 2047’ खाके पर काम जारी है और इसे इस साल के मध्य में जारी किया जाएगा। थिएटर कमान पर रक्षा मंत्रालय का लक्ष्य महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसने 2025 में महत्वाकांक्षी सुधार उपाय को सामने लाने के संकल्प का संकेत दिया है।
‘थियेटराइजेशन मॉडल’ के तहत सरकार थल सेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं को एकीकृत करना चाहती है तथा युद्धों और अभियानों के लिए उनके संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहती है।
वर्तमान में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के पास अलग-अलग कमान हैं।
सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि एक एकीकृत क्षमता विकास योजना (आईसीडीपी) लाई जाएगी और यह पिछली दीर्घकालिक एकीकृत परिप्रेक्ष्य योजना से थोड़ी अलग होगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक भूराजनीति में बड़ा उतार-चढ़ाव है और बढ़ती अनिश्चितता के कारण राष्ट्र अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों की समीक्षा करने तथा रक्षा बजट बढ़ाने के लिए बाध्य हो रहे हैं।
सेना के तीनों अंगों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के बारे में उन्होंने कहा कि संचालन की योजना और अभियान, क्षमता विकास, प्रशिक्षण, संचार, साजो सामान, रखरखाव सहायता, मानव संसाधन विकास, प्रशासन और कानूनी मामलों में दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
जनरल चौहान ने यह भी कहा कि भविष्य की प्रौद्योगिकी क्षमता खाके पर काम जारी है, जिसमें अंतरिक्ष, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) समेत अन्य क्षेत्रों को लेकर विशिष्ट नीतियां शामिल होंगी।
भाषा आशीष सुरेश
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