नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध रामानुजन कॉलेज ने बुधवार को कहा कि उसने कर्मचारियों के लिए श्रीमद्भगवद् गीता पर चलाए जा रहे प्रमाणपत्र-सह-पुनश्चर्या पाठ्यक्रम में उपस्थिति की अनिवार्यता को वापस ले लिया है।
रामानुजन कॉलेज के चेयरमैन जिगर इनामदार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘हमने 22 दिसंबर को गीता पाठ्यक्रम के लिए आयोजित उद्घाटन सत्र के दौरान इसमें अनिवार्य उपस्थिति की शर्त को वापस ले लिया था। यदि कर्मचारी पाठ्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहते तो उन पर कोई बाध्यता नहीं है। हालांकि, मैंने सार्वजनिक रूप से उनसे पाठ्यक्रम में शामिल होकर भागीदारी बढ़ाने का आग्रह किया है।’’
चेयरमैन ने कहा कि कॉलेज ने कर्मचारियों की उपस्थिति और भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम में उपस्थिति अनिवार्य की थी।
इससे पहले दिन में शिक्षक संगठन ‘डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट’ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामानुजन कॉलेज के श्रीमद्भगवद गीता पर प्रमाणपत्र-सह-पुनश्चर्या पाठ्यक्रम में अनिवार्य पंजीकरण और उपस्थिति की शर्त का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की थी।
संगठन ने बुधवार को एक बयान में आरोप लगाया कि कॉलेज के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को श्रीमद्भगवद् गीता पर प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम में पंजीकरण करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। संगठन ने इस कदम को कॉलेज प्रशासन की ओर से ‘‘निरंकुशता’’करार दिया है।
डीटीएफ ने बयान में कहा, ‘‘रामानुजन कॉलेज के प्रधानाचार्य एसपी अग्रवाल ने सभी शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को श्रीमद्भगवद् गीता पर पुनश्चर्या/प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम के लिए अनिवार्य रूप से पंजीकरण करने और उसमें भाग लेने का निर्देश देने के लिए अपने पास निहित शक्तियों का दुरुपयोग किया है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को आधिकारिक कर्तव्यों से परे अवैध रूप से शाम 6.30 बजे तक रोके रहने के लिए मजबूर करना और छात्रों की चल रही सेमेस्टर परीक्षाओं के संचालन का अतिरिक्त बोझ अस्वीकार्य है।’’
‘ टीचिंग लर्निंग सेंटर’ द्वारा आयोजित पाठ्यक्रम को कॉलेज नौ जनवरी तक शाम 4.30 बजे से 6.30 बजे तक सभी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से पेश कर रहा है।
शिक्षण कर्मियों को एक ईमेल में कॉलेज के प्रधानचार्य ने कहा कि यह पाठ्यक्रम कॉलेज में स्थापित किए जाने वाले प्रस्तावित भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र के अनुरूप है।
भाषा धीरज वैभव
वैभव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.