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शनिवार, 3 मई, 2025
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मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य में चीतों के दूसरे घर की तैयारियां पूरी

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भोपाल, 11 जून (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार ने गांधी सागर वन्य जीव अभयारण्य में चीतों को बसाने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रदेश में कुनो राष्ट्रीय उद्यान के बाद यहां चीतों का दूसरा घर बनाया जाना है। मंगलवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि चीतों को फिर से बसाने के लिए परिस्थितियों का आकलन करने के लिए केन्या और दक्षिण अफ्रीका की टीम पहले गांधी सागर आई थीं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बताया गया कि तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

अधिकारी ने बताया कि कान्हा, सतपुड़ा और संजय बाघ अभयारण्य से शिकार के जानवरों को गांधी सागर में स्थानांतरित किया गया है।

महत्वाकांक्षी ‘चीता पुनरुत्पादन परियोजना’ के तहत 17 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में आठ नामीबियाई चीते, पांच मादा और तीन नर, बाड़ों में छोड़े गए थे। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए थे।

इस महीने की शुरुआत में मादा चीता गामिनी से जन्मे शावक की मौत के साथ, केएनपी में चीतों की संख्या घटकर 26 हो गई है, जिसमें नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 13 वयस्क शामिल हैं।

अधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मध्य प्रदेश के जंगलों में गैंडे और अन्य दुर्लभ और लुप्तप्राय जंगली जानवरों को लाने की संभावनाओं पर अध्ययन करने का निर्देश दिया।

मंदसौर जिले में गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य श्योपुर के कुनो राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 270 किमी दूर है।

एक अधिकारी ने पहले बताया था कि चीतों का दूसरा घर 64 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो तार की बाड़ से सुरक्षित है।

भाषा दिमो

राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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