नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थानीय नेता जावेद अहमद के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि प्रशासन शहर में हिंसक विरोध के बाद उनके घर को ध्वस्त कर दिया है.
प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने पहले उसके आवास पर एक विध्वंस नोटिस लगाया था, जिसमें उन्हें आज सुबह 11 बजे तक घर खाली करने के लिए कहा गया था. प्रशासन ने ‘अवैध रूप से निर्मित’ है.
उत्तर प्रदेश: प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद अहमद के "अवैध रूप से निर्मित" आवास को तोड़ा जा रहा है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने पहले आवास पर विध्वंस नोटिस लगाया था। pic.twitter.com/K1b0MwEfjN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 12, 2022
गौरतलब है कि यूपी पुलिस ने प्रयागराज में पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के खिलाफ भड़के विरोध प्रदर्शनों में अहमद को प्रमुख साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया है.
वहीं, तोड़फोड़ अभियान के दौरान पुलिस ने अहमद के घर से पोस्टर और झंडे निकाले.
पुलिस ने शुक्रवार को शहर में हुए पथराव के मास्टरमाइंड जावेद अहमद सहित 68 लोगों को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ की थी.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया था कि इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया गया है और थाना खुल्दाबाद और थाना करेली में 70 नामजद अभियुक्तों और 5 हजार से भी ज्यादा अज्ञात शरारती तत्वों के खिलाफ 29 गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर इन शरारती तत्वों की पहचान की जा रही है, कई लोगों को मौके पर हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ के आधार पर अन्य लोगों को भी पकड़ा गया. इस प्रकार अभी तक 68 लोगों पुलिस हिरासत में लिया गया है.
उन्होंने बताया कि यह भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है कि अगर बाहर से कुछ लोग आए थे तो वे कौन लोग थे. इन सभी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया था कि इन लोगों को यह सबक भी सिखाया जाएगा कि अगर पुलिस प्रशासन इतनी मिन्नत करती है कि आप अपने लोग हैं और कानून को हाथ में ना लें. इसके बाद भी वे पथराव करते हैं तो इसका जवाब भी उन्हें उसी तरह कानून की भाषा में दिया जाएगा.
उधर, विरोध प्रदर्शन के बाद अहमद की बेटी आफरीन फातिमा ने पुलिस पर प्रशासन पर गैर कानूनी उनके परिवार को हिरासत में लेने का आरोप लगाया था. जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया. गौरतलब है कि यूपी पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की छात्रा फातिमा को भी विरोध प्रदर्शन में हिंसा का आरोपी माना है.
वहीं, रिपोर्ट्स में फातिमा की छोटी बहन सोमैया फातिमा के हवाले से दावा किया गया कि उनके घर को ‘अवैध’ होने के बारे में प्रशासन ने पहले कोई नोटिस जारी नहीं किया था.
सोमैया ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें और उनकी मां सुबह करीब 12.30 बजे हिरासत में लिया था. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पुरुष पुलिसकर्मी ने उनकी मां के साथ गाली-गलौच की और उन्हें धमकाया.
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