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Saturday, 16 November, 2024
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प्रणब मुखर्जी के बेटे पूर्व MP अभिजीत आज कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में शामिल होंगे

अभिजीत मुखर्जी, जो पहली बार 2012 में बंगाल में अपने पिता की सीट से सांसद बने थे, ने जून में ममता के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक से मुलाकात की थी.

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कोलकाता: कांग्रेस के पूर्व सांसद और दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी टीएमसी महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे) से उनके कार्यालय में मुलाकात के करीब एक पखवाड़े बाद सोमवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं.

पार्टी ने कहा कि तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय और बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी उनके शामिल होने पर मौजूद रहेंगे.

अभिजीत तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले प्रणब मुखर्जी के परिवार के पहले और अकेले सदस्य हैं. उनकी बहन शर्मिष्ठा कांग्रेस में बनी हुई हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री मुखर्जी दशकों से कांग्रेस के नेता थे. पिछले अगस्त में उनका निधन हो गया था.

पिछले दो महीनों में, अभिजीत को सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी के ‘विकास कार्यों’ के लिए उनकी प्रशंसा करते देखा गया है. उन्होंने पिछले महीने सामने आए नकली टीकाकरण शिविरों के संबंध में भाजपा के आरोपों के खिलाफ ममता बनर्जी सरकार का समर्थन किया.

चूंकि ममता बनर्जी को अपना सीएम पद बरकरार रखने के लिए उपचुनाव लड़ना है (उन्होंने इस साल के विधानसभा चुनाव में सीट नहीं जीती है). मुखर्जी ने कहा कि उन्हें मुर्शिदाबाद में जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र को मौका देना चाहिए, जहां से उनके पिता लोकसभा स्तर का चुनाव लड़े.

विधानसभा सीट वर्तमान में खाली है क्योंकि एक उम्मीदवार के निधन के बाद चुनाव टाल दिया गया था.

उन्होंने अपने ट्वीट में ममता बनर्जी को ‘दीदी’ के रूप में संबोधित किया- जैसा कि वे प्रशंसको के बीच जानी जाती हैं.

अभिजीत ने बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की भी आलोचना की, जो अक्सर सार्वजनिक रूप से ममता बनर्जी के प्रशासन की निंदा करते हैं और तृणमूल कांग्रेस के युवा विंग के नेता नीलांजन दास को भी जन्मदिन की बधाई दी थी.

दिप्रिंट ने अभिजीत मुखर्जी से टेक्स्ट के माध्यम से संपर्क किया और उनके एक टिप्पणी के लिए कॉल किया, लेकिन इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी.

नाम न जाहिर करने की शर्त पर तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अभिजीत मुखर्जी बंगाल में कांग्रेस के राजनीतिक भविष्य से खुश नहीं हैं और वह ममता बनर्जी की टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं. हमारे पास राज्यसभा के दो पद खाली हैं। ऐसे में वह दावेदार नजर आ रहे हैं. लेकिन पार्टी अंतिम फैसला लेगी.

कांग्रेस ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य में अपनी स्थिति में गिरावट देखी है. इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव में राज्य में पार्टी का सफाया हो गया था, उसे कोई सीट नहीं मिली थी और सिर्फ 3 प्रतिशत वोट शेयर मिला था. चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की, जो राज्य चुनावों में पार्टी की लगातार तीसरी जीत है.

राजनीतिक कैरियर

अभिजीत मुखर्जी ने 2012 में कांग्रेस सांसद के रूप में राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया, जब प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले अपनी जंगीपुर लोकसभा सीट खाली कर दी थी.

अभिजीत ने उपचुनाव जीता और 2014 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जंगीपुर को फिर से जीत लिया. 2019 में वह तृणमूल उम्मीदवार खलीलुर रहमान से लगभग 3 लाख वोटों से और भाजपा के मफुजा खातून से कम से कम 1 लाख वोटों से हारकर तीसरे स्थान पर रहे अभिजीत तब से लो प्रोफाइल बनाए हुए थे.

जैसा कि ऊपर तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा, पार्टी के पास राज्यसभा की दो खाली सीटें हैं – एक पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी द्वारा, जो इस साल फरवरी में भाजपा में शामिल हुए थे, और दूसरी मानस भुनिया द्वारा, जिन्होंने मई में विधायक बनने के बाद इस्तीफा दे दिया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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