scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमदेशपॉइंटर ने खामी भरे सर्वेक्षण पर हंगामे के बाद 513 'फर्जी समाचारों' की वेबसाइटों की सूची वापस ली

पॉइंटर ने खामी भरे सर्वेक्षण पर हंगामे के बाद 513 ‘फर्जी समाचारों’ की वेबसाइटों की सूची वापस ली

पॉइंटर ने 3 भारतीय वेबसाइटों का नाम प्रकाशित किया था. 'फर्जी समाचार' वेबसाइटों की सूची में नाम आने के एक दिन बाद पॉइंटरडॉट ओआरजी के मैनेजिंग एडिटर बारबरा एलन ने कहा कि उन्होंने सर्वे की कार्य प्रणाली में 'खामियां' पाई है.

Text Size:

नई दिल्ली: दुनिया भर में सोशल मीडिया पर भरोसेमंद मीडिया पोर्टलों को शामिल करने की वजह से हंगामा मचने के बाद अमेरिका स्थित पॉइंटर इंस्टीट्यूट फॉर मीडिया स्टडीज़ ने 500 से अधिक वेबसाइटों की अपनी विवादास्पद सूची को हटा लिया है.

इस सूची में तीन भारतीय वेबसाइटें शामिल थीं:- फ़र्स्टपोस्ट, इंडियाटाइम्स और पोस्टकार्ड न्यूज़.

गुरुवार को जारी एक बयान में पॉइंटर.ओआरजी के मैनेजिंग एडिटर बारबरा एलन ने कहा कि उन्होंने अपनी कार्यप्रणाली में ‘खामियों’ को पाया है. उन्होंने दावा किया कि सूची का मतलब यह था कि ‘पाठकों के लिए एक उपयोगी उपकरण प्रदान करना जो उनके द्वारा उपभोग की जाने वाली सूचना की वैधता का अनुमान लगा सके.

हालांकि, सूची प्रकाशित होने के बाद उन्होंने कहा पॉइंटर को उन लोगों के साथ-साथ पाठकों से भी शिकायतें मिलीं. जिन्होंने कुछ साइटों को शामिल करने और दूसरों के बहिष्कार करने पर आपत्ति जताई थी.

उन्होंने यह कहा कि हमने सूची की सटीकता और सत्यता का परीक्षण करने के लिए एक ऑडिट शुरू किया और जब हमें लगा कि कई साइटों पर अविश्वसनीय जानकारी प्रकाशित करने का एक ट्रैक रिकॉर्ड था तो इसको लेकर हमारी समीक्षा की कार्यप्रणाली में खामियां मिलीं.

एलन ने कहा ‘हमने मूल डेटाबेस के निष्कर्षों के बीच खामियों का पता लगाया जो सूची के लिए मुख्य स्रोत थे और अंतिम रिपोर्ट के हमारी अपनी थी.’ उन्होंने नोट में कहा कि इसलिए हम इस अविश्वसनीय साइटों की सूची को हटा रहे हैं. जब तक कि हम अपने पाठकों को मानदंडों के अधिक सुसंगत (उपयुक्त) सूची प्रदान करने में सक्षम नहीं होते हैं. इसके प्रकाशन के कारण भ्रम और विरोध के लिए माफी मांगता हूं.

ढिठाई से किया गया सर्वेक्षण

सूची के पहले मसौदे में तीन भारतीय वेबसाइटों सहित 515 नाम थे. हालांकि, सूची में शामिल किए जाने पर ट्विटर पर कड़ी आपत्ति जताए जाने के बाद 24 घंटे से भी कम समय में फर्स्टपोस्ट के नाम को हटा दिया गया.

इंडियाटाइम्स ने गुरुवार को दोपहर एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि वह ‘अपने कंटेंट के साथ अडिग है.’ शुक्रवार को सूची को वापस लेने के बाद, उसने पाठकों को ‘निरंतर समर्थन’ के लिए धन्यवाद दिया.

पोस्टकार्ड न्यूज़ की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. जिसके संपादक महेश विक्रम हेगड़े को कई बार फर्जी समाचारों के प्रचार-प्रसार से जोड़ा गया है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments