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Thursday, 21 November, 2024
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वित्तमंत्री ने कहा था- देश में मंदी नहीं, नितिन गडकरी ने माना गांवों में गरीबी और बेरोजगारी बड़े स्तर पर

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया- सरकार शहद के क्लस्टर के जरिए उच्च गुणवत्ता के शहद से चीनी की तरह क्यूब बनाने की दिशा में काम कर रही है.

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नई दिल्ली : देश में आर्थिक मंदी की बात को जहांं मोदी सरकार की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में नकार दिया था वहीं सरकार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में देश के ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी और बेरोजगारी बड़े स्तर पर होने की बात स्वीकार की है.

केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को कहा कि सरकार ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास कर रही है और ऐसे ही प्रयासों के तहत अगले कुछ महीने में खादी ग्रामोद्योग आयोग शहद के क्यूब लांच करने जा रहा है जिन्हें चीनी की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकेगा.

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया कि सरकार शहद के क्लस्टर बना रही है और उच्च गुणवत्ता के शहद से चीनी की तरह ही क्यूब बनाने की दिशा में काम हो रहा है.

उन्होंने सुनील कुमार पिंटू के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि खादी ग्रामोद्योग आगामी कुछ महीने में शहद के क्यूब की बिक्री शुरू करेगा.

गडकरी ने कहा कि अगले छह महीने के अंदर लोग चीनी के क्यूब की जगह शहद के क्यूब डालकर चाय पी सकेंगे.
उन्होंने बताया कि एमएसएमई मंत्रालय ‘भारत क्राफ्ट’ नाम से नया ई-कॉमर्स पोर्टल शुरू करने जा रहा है और इसे भारतीय स्टेट बैंक के साथ मिलकर चलाने की योजना है.

गडकरी ने बताया कि इस पोर्टल पर एमएसएमई के सभी उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे और ‘न्यूयॉर्क में बैठकर कश्मीर का शॉल खरीदा जा सकता है.’

उन्होंने कहा कि इसके अलावा नये विचारों और नवोन्मेष के लिए एक वेबसाइट भी शुरू होने वाली है.

गडकरी ने कहा कि एमएसएमई उद्योग से इस साल 85 हजार करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना है तथा आगामी पांच साल में देश के विकास में एमएसएमई का योगदान 50 प्रतिशत ले जाने का लक्ष्य रखा गया है जो अभी लगभग 29 प्रतिशत है.

उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान केवल शहरों पर नहीं, बल्कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान है. कुछ वर्ष में देश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इतनी मजबूती आएगी कि लोग शहरों से गांवों की ओर लौटेंगे.

सदन में वित्त मंत्री ने माना था विकास दर में गिरावट जरूर है लेकिन आर्थिक मंदी नहीं

राज्यसभा में बुधवार को अर्थव्यवस्था पर चर्चा हुई जिसमें विपक्ष ने एक सुर इसे एलार्मिंग सिचुएशन (खतरनाक स्थिति) बताया. चार घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माना था कि देश की आर्थिक विकास दर में गिरावट आई है, लेकिन यह मंदी नहीं है. उन्होंने साफ कहा था कि अर्थव्यवस्था में थोड़ी सुस्ती है, लेकिन इसे मंदी नहीं कहेंगे और न कभी मंदी होगी.

सीतारमण ने कहा, ‘अगर आप अर्थव्यवस्था को ठीक तरीके से समझ रहे हैं तो आप देख सकते हैं कि विकास दर में कमी जरूर आई है, लेकिन अभी तक मंदी का माहौल नहीं है, और मंदी कभी नहीं आएगी.’ विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए सीतारमण ने यूपीए सरकार की भी जमकर खिंचाई की थी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पर सरकार को नाकाम बताने वालों को मैं कहना चाहती हूं कि देश की सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 2009-2014 के अंत में 6.4 फीसदी रही, जबकि 2014-2019 के बीच यह 7.5 फीसदी पर है.

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

 

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