नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के से अखिल भारतीय सेवा (यूपीएससी) के एक एस्पिरेंट ने इस घटना से एक महीने पहले राऊ आईएएस कोचिंग सेंटर में बेसमेंट के कथित अवैध उपयोग के बारे में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें तीन छात्रों की जान चली गई.
26 जून को लिखी शिकायत में 29-वर्षीय किशोर सिंह कुशवाह ने बताया कि किस तरह दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में बेसमेंट की कक्षाएं एस्पिरेंट्स और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करती हैं. उन्होंने “बड़ी दुर्घटना की संभावना” की चेतावनी दी थी.
हाल ही में, बाढ़ की घटना से ठीक तीन दिन पहले 24 जुलाई को एमसीडी में एक और शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें करोल बाग के ओल्ड राजिंदर नगर इलाके में मानसून के मौसम में जलभराव के कारण बिजली के झटके लगने की घटनाओं के बारे में बताया गया था. हालांकि, शिकायतकर्ता ने अपना नाम नहीं बताया है.
दिप्रिंट ने दोनों शिकायतों की प्रतियां हासिल की हैं.
किशोर सिंह कुशवाह ने अपनी शिकायत में एमसीडी द्वारा “भ्रष्टाचार” का ज़िक्र किया है. उनकी शिकायत में कहा गया है, “मेरे संज्ञान में आया है कि राऊ आईएएस बिना ज़रूरी अनुमति, बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त किए बेसमेंट में कक्षाएं चला रहे हैं. इन कक्षाओं का स्थान ओल्ड राजिंदर नगर, करोल बाग, नई दिल्ली में है, और वे टेस्ट कक्षाएं आयोजित कर रहे हैं.”
शिकायत में आगे कहा गया, “संबंधित प्राधिकारी को सूचित करने का अनुरोध किया जाता है कि इसके लिए पैसा दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त को जाता है, जो एमसीडी के भीतर भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है.”
कुशवाह, जिन्होंने अपनी कोचिंग की कक्षाएं पूरी कर ली हैं, पिछले 2 से 3 वर्षों से अन्य एस्पिरेंट्स की तरह सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी के लिए ओल्ड राजिंदर नगर में रह रहे हैं. उन्होंने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने अक्सर वहां जलभराव की समस्या देखी है और दो मौकों पर खुद फंसे भी हैं.
उन्होंने कहा, “ऐसी ही एक घटना के दौरान जब मैं सड़क पार करते समय फंस गया, तो मैंने बेसमेंट देखा. मुझे एहसास हुआ कि यह एक बड़ी समस्या है. मुझे हैरानी हुई कि एमसीडी ने डबल बेसमेंट की अनुमति कैसे दी, खासकर स्मार्ट लॉक गेट वाले बंगले के लिए, जबकि ऐसा कोई परमिट मौजूद नहीं है.”
कुशवाह ने कहा कि उन्होंने अपनी शिकायत के संबंध में दो बार रिमाइंडर भी भेजे थे — एक बार 15 जुलाई को और फिर 22 जुलाई को.
उन्होंने 22 जुलाई को भेजे अपने रिमाइंडर में लिखा, “सर कृपया कार्रवाई करें. यह छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा है.”
उन्होंने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, “मैं उस इलाके में रहता हूं. जब बाढ़ आई मैं वहीं था और मुझे बहुत बुरा लगा और मैं दोषी भी महसूस कर रहा था. मैंने एक महीने पहले शिकायत दर्ज कराई थी. अगर उन्होंने उस समय मेरी बात सुनी होती और कार्रवाई की होती, तो दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी टाली जा सकती थी.”
शनिवार को दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से तीन छात्रों की मौत हो गई. इमारत के दो मालिकों सहित अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इस बीच, 24 जुलाई को दर्ज की गई दूसरी अनाम शिकायत में, शिकायतकर्ता ने लिखा, “हर जगह कई नंगे तार पड़े हैं, जो लोगों के लिए जानलेवा संकेत हैं. यह मुद्दा बहुत चिंताजनक है क्योंकि हमने दिल्ली में कई घातक मामले देखे हैं, जिनमें मौत हुई है, इसलिए लोगों की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करने का बहुत विनम्र अनुरोध है.”
दिप्रिंट द्वारा एक्सेस की गई कॉपी में शिकायत पर आई स्वचालित प्रतिक्रिया भी शामिल है, जिसमें कहा गया है कि शिकायत को एमसीडी नियंत्रण कक्ष को भेज दिया गया है और “शिकायत संख्या 854 है”.
गृह मंत्रालय ने इस दुखद घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की है. यह समिति घटना के कारणों का पता लगाएगी, जिम्मेदारी तय करेगी, निवारक उपायों की सिफारिश करेगी और नीतिगत बदलावों का सुझाव देगी. समिति से 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: ‘कोई हमें इंसान नहीं समझता’, UPSC एस्पिरेंट्स की मजबूरी का फायदा कैसे उठाते हैं कोचिंग और दलाल माफिया