scorecardresearch
Saturday, 23 November, 2024
होमदेशपोर्न फिल्में राज कुंद्रा से जुड़ा पहला विवाद नहीं, उनके जीवन से सीख सकते हैं कि ‘पैसा कैसे नहीं कमाना चाहिए’

पोर्न फिल्में राज कुंद्रा से जुड़ा पहला विवाद नहीं, उनके जीवन से सीख सकते हैं कि ‘पैसा कैसे नहीं कमाना चाहिए’

अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा क्रिकेट सट्टेबाजी और गोल्ड स्कैंडल से लेकर गैंगस्टर्स के साथ कथित रिश्तों और अब पोर्न फिल्मों के कारण कई सालों से मुसीबत में फंसते रहे हैं.

Text Size:

मुंबई: अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति रिपु सूदन कुंद्रा, जिन्हें वैसे तो राज कुंद्रा के नाम से जाना जाता हैं, ने 19 जुलाई को अपने इंस्टाग्राम फीड पर जेम्स बॉन्ड की फिल्म गोल्डनआई के लोकप्रिय टैंक चेज सीन की एक वीडियो क्लिप पोस्ट की. इसमें अभिनेता पियर्स ब्रॉसनन के एक्शन के बीच ‘आई एम बॉन्ड, जेम्स बॉन्ड’ वाला चर्चित संवाद कुंद्रा की तरफ से ही बोला गया था. इसका कैप्शन था, ‘बाधाएं अस्थायी हैं. आपको कोई रोक नहीं सकता.’

इस पोस्ट से लगता है कि जैसे उन्हें भान हो गया हो कि कुछ होने वाला है. उसी शाम मुंबई पुलिस ने कुंद्रा को पोर्न क्लिप बनाने और पब्लिश करने के मामले में प्रमुख साजिशकर्ता के तौर पर गिरफ्तार कर लिया.

इंस्टाग्राम पोस्ट, जिसे कुंद्रा ने ‘मंडे मोटिवेशन’ के तौर पर हैश-टैग किया था, काफी हद तक यह बताती है कि 45 वर्षीय कारोबारी ने अब तक अपना जीवन कैसे जिया है.

कुंद्रा के लिए जिंदगी विवादों की एक कड़ी रही है, घाटे में चल रही कई कंपनियों में हिस्सेदारी, और ऐसे कारोबारी वेंचर जो कुछ ही सालों में ठप पड़ गए. लेकिन, ब्रिटेन में जन्मे इस कारोबारी ने हमेशा अपने चारों ओर एक ‘विशाल आभामंडल’ बनाए रखा, एक प्रोजेक्ट से दूसरे में कदम रखते और एक कंपनी से दूसरी कंपनी का हिस्सा बनते आगे बढ़ते रहे.

कुंद्रा ने कुछ सालों में खुद को मनोरंजन, रियल एस्टेट, रत्न और आभूषण, आतिथ्य, खेल और परिधान जैसे क्षेत्रों में भारत में 36 और ब्रिटेन में चार कंपनियों से जोड़ा.

ब्रिटेन सरकार की कंपनी इंफॉर्मेशन सर्विस से मिली जानकारी के मुताबिक, ब्रिटेन में पंजीकृत सभी चार कंपनियां बंद हो चुकी हैं. कुंद्रा बीते कुछ वर्षों में भारत में जिन 36 कंपनियों के निदेशक रहे हैं, उनमें से भी छह को अब बंद किया जा चुका है.

मौजूदा समय में कुंद्रा आठ भारतीय कंपनियों के बोर्ड में हैं, जिनमें पोर्नोग्राफी मामले में मुंबई पुलिस की जांच के दायरे में आई और घाटे में चल रही वियान इंडस्ट्रीज, मुंबई स्थित एक लोकप्रिय फाइन-डाइनिंग सीफूड रेस्तरां चेन बास्टियन हॉस्पिटैलिटी, और एक लाइव-स्ट्रीमिंग, गेमिंग और इंटरटेनमेंट ऐप कंपनी जेएल स्ट्रीम शामिल हैं.

कुंद्रा फिलहाल पोर्नोग्राफी मामले में जेल में हैं. कुंद्रा के वकीलों ने जहां उनकी गिरफ्तारी को ‘गैरकानूनी’ बताया है, शेट्टी ने इसी महीने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा कि उन्हें ‘मुंबई पुलिस और भारतीय न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है.’

उन्होंने कहा, ‘हां, पिछले कुछ दिन हर मोर्चे पर चुनौतीपूर्ण रहे हैं. कई तरह की अफवाहें फैलीं और आरोप लगाए गए. मुझ पर मीडिया और (कथित) शुभचिंतकों की तरफ से बहुत सारे अनुचित आरोप लगाए गए. न केवल मुझे बल्कि मेरे परिवार को भी ढेर सारे सवालों/ट्रोलिंग का निशाना बनाया गया. जहां तक मेरा सवाल है मैंने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और आगे भी ऐसा करने से परहेज करूंगी क्योंकि मामला विचाराधीन है…’

बांबे हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते कुंद्रा की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज कर दी थी. कुंद्रा का तर्क था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है क्योंकि पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 (ए) के तहत नोटिस जारी नहीं किया था, जो अनिवार्य था. लेकिन अदालत ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई ‘कानून के दायरे’ में थी.


यह भी पढ़ें: पोर्नोग्राफी देखना, पब्लिश और शेयर करना- भारत में क्या अपराध है और क्या नहीं


जुहू का एक बंगला, एक लेम्बोर्गिनी

मुंबई पुलिस के मुताबिक, कुंद्रा उस मोबाइल ऐप हॉटशॉट्स को मैनेज कर रहे थे, जिस पर वह कथित तौर पर अपनी कंपनी वियान इंडस्ट्रीज के जरिए पोर्न वीडियो सर्कुलेट कराते थे. फर्म के बैंक खातों में बड़े पैमाने पर विदेशों से भी पैसा आया था जो पुलिस के मुताबिक हॉटशॉट्स ऐप को एक्टिव बनाए रखने के लिए था.

कुंद्रा और शेट्टी ने 2014 में बीएसई में सूचीबद्ध वियान इंडस्ट्रीज, जिसका नाम उस समय हिंदुस्तान सेफ्टी ग्लास इंडस्ट्रीज लिमिटेड था, का अधिग्रहण किया और इसका नाम बदल दिया. इसी समय एक बार उनकी कुल संपत्ति की औपचारिक रूप से गणना हुई और उसे पब्लिक डोमेन में डाला गया. हिंदुस्तान सेफ्टी ग्लास खरीदने के लिए ओपन ऑफर लेटर में इस दंपति की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, 2014 में कुंद्रा की कुल संपत्ति 31.61 करोड़ रुपये और शेट्टी की कुल संपत्ति 58.56 करोड़ रुपये थी.

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड के अनुसार, फिलहाल सवालों के घेरे में आई वियान इंडस्ट्रीज, जो खुदरा व्यापार, मनोरंजन और रिक्रिएशन के क्षेत्र में काम करती है, ने 2020-21 में 1.6 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दी थी. कथित पोर्नोग्राफी स्कैंडल सामने आने के एक साल पहले 24 जुलाई 2020 को ही शेट्टी ने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था.

लेकिन, सफलताओं-असफलताओं और बाधाओं और विवादों के बीच कुंद्रा ने यह सुनिश्चित किया है कि बॉलीवुड के बड़े लोगों के साथ नजर आकर अखबारों के सोसाइटी वाले पन्नों पर छाये रहे. वह मुंबई में बॉलीवुड से जुड़े लोगों के रहने के लिहाज से सबसे शानदार माने जाने वाले समुद्र के किनारे वाले उपनगर जुहू में किनारा नाम के एक महलनुमा सी-फेसिंग बंगले में रहते हैं.

File photo of Raj Kundra and wife Shilpa Shetty posing in Rajasthan Royals jerseys as they head for a match | Twitter | @TheRajKundra
पत्नी शिल्पा शेट्टी और पति राज कुंद्रा आईपीएल की क्रिकेट टीम राजस्थान रायल्स टीम के हेड के तौर उसकी जर्सी में पोज देते हुए, फाइल फोटो | Twitter | @TheRajKundra

वह अपनी अभिनेत्री पत्नी शिल्पा शेट्टी को नीले रंग की लेम्बोर्गिनी और मध्य लंदन, नोएडा और दुबई स्थित आलीशान बुर्ज खलीफा में शानदार अपार्टमेंट जैसे भव्य उपहार देकर समय-समय पर अपनी शानो-शौकत का प्रदर्शन करते रहे हैं. 2011 में कुंद्रा ने वर्ली स्थित हिंदुस्तान यूनिलीवर के सी-फेसिंग बंगले गुलिटा के लिए बोली लगाई, जिसे अंततः पीरामल ने 450 करोड़ रुपये में खरीदा था.

2013 में कुंद्रा ने एक फिक्शन नॉवेल, हाउ नॉट टू मेक मनी भी प्रकाशित किया, जिसका शीर्षक पिछले महीने उनकी गिरफ्तारी के बाद कई चुटकुलों और मीम्स का आधार बना.

एक वरिष्ठ एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट ने दिप्रिंट से कहा कि हालांकि, कुंद्रा लोकप्रिय जरूर नहीं हैं. वह एक धनी, सफल बिजनेस टाइकून के तौर पर जीवन में आगे बढ़ते रहे.

नाम न छापने की शर्त पर पत्रकार ने कहा, ‘शिल्पा प्यारी और लोकप्रिय हैं, जबकि राज कुंद्रा का वास्तव में फिल्म उद्योग में अपना कोई दोस्त नहीं हैं. उन्होंने शिल्पा के नाम उनके संपर्कों का इस्तेमाल यहां पैर जमाने और जो कुछ भी बनाया है, उसे खड़ा करने में बखूबी किया. वह थोड़े घमंडी के तौर पर सामने आते हैं, जो अपनी दौलत की अकड़ दिखाते हैं और किसी अरबपति की तरह व्यवहार करते हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि, उद्योग में उनके बारे में सामान्य राय यही है कि वे एक पंटर हैं.’


यह भी पढ़ें: पोर्न सर्च हो या पूर्व प्रेमी-प्रेमिका को स्टॉक करना, गूगल पर पिछले 15 मिनट की सर्च हिस्ट्री अब कर सकते हैं डिलीट


ब्रिटेन में जन्मे एनआरआई बिजनेसमैन

कुंद्रा ने मीडिया को दिए कुछ साक्षात्कारों में हमेशा अपने रंक से राजा बनने की कहानी किसी फेयरीटेल की तरह ही बताई है.

कुंद्रा ने 2013 में एंटरटेनमेंट मैगजीन फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में बताया था, ‘मैं एक साधारण पृष्ठभूमि से आता हूं. मेरे पिताजी 45 वर्ष पहले लंदन चले गए और वहां बस कंडक्टर के तौर पर काम करते थे, जबकि मेरी मां एक कारखाने में काम करती थीं. हमारे लिए जिंदगी आसान नहीं थी.’

इसी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘जब भी शिल्पा मुझे लापरवाही से खर्च करने पर टोकती हैं तो उससे यही कहता हूं कि मैंने जो पैसा कमाया है, उसके खर्च का पूरा आनंद लेने में मुझे कोई गुरेज नहीं है. मेरे गुस्से ने मुझे इस सबके लिए प्रेरित किया. मुझे गरीबी से इतनी नफरत थी कि मैं अमीर बनना चाहता था.’

कुंद्रा अपनी वेबसाइट पर बताते हैं कि कैसे उन्होंने 18 साल की उम्र में कॉलेज छोड़ दिया और नेपाल से पश्मीना शॉल आयात करके लंदन के फैशन हाउस को सप्लाई करते हुए एक उद्यमी के तौर पर अपना करिअर शुरू किया.

उनके मुताबिक, ‘मैंने वर्षों में अपने संपर्कों और नेटवर्किंग को विकसित किया, जिससे मुझे विभिन्न व्यावसायिक अवसर मिले और मैंने खनन से लेकर रियल एस्टेट, नवीकरणीय ऊर्जा से लेकर मनोरंजन और आतिथ्य तक विभिन्न क्षेत्रों में छोटा-बड़ा निवेश किया. सभी ने अच्छा भले ही नहीं किया, लेकिन मुझे कुछ न कुछ नया जरूर सिखाया.

2004 में ब्रिटेन की सक्सेस पत्रिका ने कुंद्रा को 198वें सबसे अमीर ब्रिटिश एशियाई के तौर पर नामित किया. लेकिन, यह कारोबारी सही मायने में सुर्खियों में तभी आया जब 2007 में बिग ब्रदर टेलीविजन रियलिटी शो जीतने के तुरंत बाद शेट्टी को डेट करना शुरू किया. कुंद्रा ने उस समय शिल्पा शेट्टी को अपना परफ्यूम एस-2 लॉन्च करने में मदद की थी.

कुंद्रा की तत्कालीन पत्नी कविता ने उनकी शादी बर्बाद करने के पीछे सार्वजनिक तौर पर शिल्पा शेट्टी को जिम्मेदार ठहराया था, इस आरोप का अभिनेत्री की तरफ से जोरदार खंडन किया गया. कुंद्रा ने अपनी शादी तोड़ने के साथ ही नवजात बेटी देलीना को भी छोड़ दिया. 2009 में कुंद्रा ने शिल्पा के साथ मुंबई के पास स्थित हिल स्टेशन खंडाला में एक पारंपरिक दक्षिण भारतीय शैली के समारोह में शादी कर ली.

कुंद्रा की यूके में चार कंपनियां थीं, जिनमें से तीन—वीटा पिक्चर्स, वीटा कॉर्पोरेशन और यूके ट्रेडकॉर्प—उनकी पूर्व पत्नी कविता के साथ साझेदारी में थीं. अब चारों कंपनियों को भंग किया जा चुका है.

ब्रिटेन सरकार की कंपनी इंफॉर्मेशन सर्विस के मुताबिक, ब्रिटेन में कुंद्रा का पहला पंजीकृत उद्यम आरके कलेक्शंस था. थोक कपड़े और जूतों की यह कंपनी उन्होंने बहन रेणु रानी कुंद्रा के साथ बनाई थी. 1999 में स्थापित कंपनी जल्द ही मुश्किलों में घिर गई. 2001 में ब्रिटेन में कंपनी मामलों की अदालत ने एचएम (राजशाही) सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क आयुक्तों की याचिका के आधार पर आरके कलेक्शंस को बंद करने का आदेश सुनाया. कंपनी को आखिरकार जून 2019 में भंग कर दिया गया.

अन्य तीन कंपनियों, जिसमें वह अपनी पहली पत्नी कविता के साथ निदेशक थे, में से वीटा पिक्चर्स और वीटा कॉर्पोरेशन को 2004 में मोशन पिक्चर्स और वीडियो प्रोडक्शन और वितरण व्यवसाय के लिए इनकॉर्पोरेट कर दिया गया था, लेकिन क्रमशः 2009 और 2010 में इन्हें भंग कर दिया गया. यूके ट्रेडकॉर्प को 2002 में इनकॉर्पोरेट किया गया, लेकिन 2005 में एक असाधारण आम सभा इसे समेटने का प्रस्ताव पारित किया गया. अंततः 2014 में अपने सभी लेनदारों के निपटारे के बाद फर्म को भंग कर दिया गया.

आईपीएल मैचों और उसके बाद पार्टियों से लेकर सट्टेबाजी के आरोप तक

शिल्पा से शादी के बाद कुंद्रा मुंबई आकर रहने लगे और खेल और रियल एस्टेट से लेकर सोने तक कई कारोबारों में हाथ आजमाया. शिल्पा के साथ शादी करने से छह महीने पहले फरवरी 2009 में उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की राजस्थान रॉयल्स टीम में पहला बड़ा निवेश किया था.

कुंद्रा-शेट्टी दंपति ने क्रिकेट टीम में 16.3 मिलियन डॉलर में 11.7 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी. शेट्टी अपनी पूरी प्रोमोशनल क्षमता के साथ टीम का चेहरा बन गईं और लाइव मैचों में कुंद्रा के साथ झूमती और चीखती नजर आईं.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एक पूर्व पदाधिकारी, जो आईपीएल की प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा थे, ने दिप्रिंट को बताया कि कुंद्रा को नियमित रूप से आईपीएल के बाद होने वाली पार्टियों में देखा जा सकता था. जो ग्लैमरस महिलाओं और ऐसे लोगों से घिर रहते थे जिनके एक्रीडिटेशन कार्ड बताते थे कि उनकी पिच तक पहुंच है.

हालांकि, इस दंपति की आईपीएल की पारी 2013 में सिमट गई, जब दिल्ली पुलिस ने एक बड़े स्पॉट फिक्सिंग घोटाले के सिलसिले में कुंद्रा के भी सट्टेबाजी, जो कि भारत में गैरकानूनी, से जुड़े होने की जांच की. और कहा कि व्यवसायी ने अपनी टीम पर दांव लगाने की बात कबूल की थी. उसी वर्ष बीसीसीआई ने जांच होने तक कुंद्रा को आईपीएल से संबंधित सभी गतिविधियों से निलंबित कर दिया.

2014 में आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच कर रही तीन सदस्यीय मुद्गल समिति ने अपनी रिपोर्ट, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास है, में कहा कि कुंद्रा सट्टेबाजी को लेकर सट्टेबाजों के संपर्क में थे.

रिपोर्ट में बताया गया कि कुंद्रा के दोस्तों में से एक ज्ञात पंटर था और उसने अपने बयान में कुंद्रा की ओर से सट्टा लगाए जाने की जानकारी भी दी थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से संकेत मिलता है कि इंडीविजुअल 11 (कुंद्रा) सट्टा लगा रहा था या अपने पंटर दोस्त के लिए मिनिमम स्टैंड गारंटी पर था. ये कृत्य बीसीसीआई/आईपीएल भ्रष्टाचार रोधी संहिता का भी उल्लंघन करते हैं.’ हालांकि, इसमें कहा गया कि कुंद्रा के खिलाफ सट्टेबाजी या स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की और गहराई से जांच किए जाने की जरूरत है.

मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया, ‘समिति ने पाया है कि मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से दस्तावेज पाने के बाद राजस्थान पुलिस ने इस व्यक्ति (कुंद्रा) के खिलाफ जांच अचानक और बिना किसी कारण रोक दी थी.’ 2015 में लोढ़ा समिति ने कुंद्रा को आजीवन क्रिकेट से प्रतिबंधित कर दिया.

ऊपर उद्धृत पूर्व बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘यह तब था जब राजस्थान रॉयल्स के स्वामित्व वाली कंपनी ने कुंद्रा को अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए कह दिया था. मुझे कुंद्रा का यह कहना स्पष्ट तौर पर याद है कि वह एक ब्रिटिश नागरिक था और सट्टेबाजी में शामिल हो सकते हैं. लेकिन, यदि आप एक टीम के मालिक के रूप में आईपीएल प्रशासन का हिस्सा हैं तो सट्टेबाजी में शामिल नहीं हो सकते. यह हितों का टकराव है.’

2018 में पत्रकारों से बातचीत में कुंद्रा ने दावा किया कि उन्होंने दिल्ली पुलिस से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि सट्टेबाजी के आरोपों पर उनके खिलाफ क्या कोई सबूत था या नहीं, और पाया कि ऐसा कुछ भी नहीं था.


यह भी पढ़ें: 19 साल का युवक गिरफ्तारी से पहले कैसे एक साल तक 50 महिलाओं को ऑनलाइन स्टॉक और ब्लैकमेल करता रहा


गोल्ड स्कैंडल

2014 और 2015 में शिल्पा शेट्टी और कुंद्रा ने क्रमश: शेयर खरीदे और सतयुग गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक बन गए और फिर गोल्ड बार और सिक्कों की खरीद पर अग्रिम भुगतान करने और फिर डिलीवरी के लिए दो से पांच साल तक इंतजार करने पर 37 प्रतिशत तक की छूट देने वाली एक थोड़ी अजीबोगरीब गोल्ड स्कीम शुरू की. हालांकि, इस योजना ने कंपनी को कई विवादों में घसीट लिया.

इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दावा किया, ‘उन्होंने योजना के लिए हमारी ब्रैंडिंग का उपयोग करने के लिए हमारे साथ एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए थे.’

उन्होंने बताया, ‘योजना शुरू करने के एक साल के भीतर ही हमने उनसे पूछा था कि वे अपने वादे को कैसे पूरा करेंगे. हमने इसके बारे में सेबी को भी लिखा था. सतयुग गोल्ड का जवाब था कि उनके पास अवधि पूरी होने पर लोगों के ऑर्डर पूरे करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है.’

Raj Kundra arrives at Enforcement Directorate (ED) office in 2019, to join investigations in a case related to gangster Iqbal Mirchi | ANI File Photo
राजकुंद्रा गैंगस्टर इकबाल मिर्ची से जुड़े एक मामले में जांच के लिए 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में पहुंचते हुए | ANI File Photo

इस स्कीम में निवेश करने वाले मुंबई के एक सर्राफा कारोबारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि उन्होंने इस योजना में 5 किलो सोने की बुकिंग की थी, लेकिन बदले में कुछ नहीं मिला.

उन्होंने बताया, ‘मुझे तो अपने निवेश के कुछ पैसे वापस मिल गए. मैंने 2020 में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी और मुझे पता चला कि इस योजना के कई और भी पीड़ित हैं. कुछ को तो एक पैसा भी वापस नहीं मिला.’

पुलिस उपायुक्त मंजूनाथ सिंगे ने बताया था कि सतयुग गोल्ड के खिलाफ शिकायत मिली है और ‘हम इसकी जांच कर रहे हैं.’

योजना के एक अन्य निवेशक सचिन जोशी ने सोने की डिलीवरी देने में विफल रहने को लेकर सतयुग गोल्ड के खिलाफ जनवरी 2020 में खार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी और अप्रैल 2020 में बांबे हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की थी (दोनों की प्रति दिप्रिंट के पास है). उन्होंने 2014 में 18.57 लाख रुपये का भुगतान करके एक किलो सोना बुक कराया था जो उन्हें 2019 में मिलना था.

जोशी की याचिका के मुताबिक, कुंद्रा और शेट्टी ने मार्च 2014 में इस स्कीम के संबंध में उनसे व्यक्तिगत तौर पर संपर्क किया था. लेकिन, अपना सोना पाने की कोशिश कथित तौर पर निर्रथक ही साबित हुई. पॉश बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित द कैपिटल बिल्डिंग में कंपनी का पता गलत निकला. एक वेबपेज ने उन्हें अंधेरी वेस्ट में एक अन्य पते पर पहुंचाया, जो सतयुग गोल्ड का नहीं था. इंटरनेट पर और तलाश करने पर एक पता अंधेरी ईस्ट का निकला, जहां फिर से पता चला कि यह कंपनी से संबंधित नहीं है. जोशी ने मलाड और अंधेरी में कंपनी के वार्षिक रिटर्न से दो और पते ढूंढ़ निकाले, वो भी सतयुग गोल्ड से संबंधित नहीं थे.

सितंबर में बाम्बे हाईकोर्ट की तरफ से सतयुग गोल्ड को जोशी द्वारा बुक कराए गए एक किलो सोने को जमा कराने को कहा गया.

शेट्टी और कुंद्रा की लीगल टीम ने सितंबर 2020 में जारी एक प्रेस बयान में कहा गया है, ‘कंपनी के पास 90% संसाधित ग्राहक हैं जो एसजीपीएल की सेवाओं से खुश और संतुष्ट हैं. बांबे हाईकोर्ट ने 11 सितंबर, 2020 को 7 सितंबर, 2020 के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत जोशी को अदालत में जमा सोना ले जाने की अनुमति दी गई थी.

इस बीच, शेट्टी ने मई 2016 में कंपनी निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया, जबकि कुंद्रा ने नवंबर 2017 में इस्तीफा दिया. कंपनी रजिस्ट्रार के पास दर्ज कराए गए अपने अंतिम वित्तीय परिणामों के मुताबिक, कंपनी को 2015-16 में 69.6 लाख रुपये का घाटा हुआ था.

सतयुग गोल्ड को अभी भी सक्रिय दिखाया गया है जिसमें मोहम्मद सैफी और गणपति शंकर चौधरी डायरेक्टर हैं. सैफी दो कंपनियों एसेंशियल बल्क कमोडिटीज और बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में भी हैं, जिनमें कुंद्रा पहले निदेशक रह चुके हैं. चौधरी जेएल स्ट्रीम में कुंद्रा के बिजनेस पार्टनर हैं.

अन्य विवाद

अक्टूबर 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुंद्रा को ‘डी कंपनी’ गैंगस्टर इकबाल मिर्ची के साथ कथित व्यापारिक सौदों के मामले में तलब किया था. कुंद्रा की रंजीत बिंद्रा के साथ पार्टनरशिप थी, जिसके बारे में ईडी का कहना था कि वह मिर्ची के लिए काम करता था, उसके लिए संपत्ति के सौदों पर बातचीत करने के अलावा सालों से उसकी काली कमाई को सफेद बनाने में भी उसकी अहम भूमिका थी.

ईडी जांच के मुताबिक, आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स, जिसमें रंजीत बिंद्रा निदेशक था, का लेन-देन एसेंशियल हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड के साथ था और इसमें शेट्टी निदेशक थीं. ब्रिंदा की बैशन हॉस्पिटैलिटी में भी कुंद्रा की पार्टनरशिप थीं. ईडी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के एक अन्य निदेशक प्लासिड जैकब नरोन्हा की भी जांच कर रहा था, जिसने बावा रियल्टर्स में निदेशक के तौर पर काम किया था. इस कंपनी में कुंद्रा मार्च 2011 से जुलाई 2013 के बीच निदेशक रहे थे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कुंद्रा ने एक बयान में कहा था, ‘2011 में मैंने कंपनी सहित एयरपोर्ट के पास वाला एक प्लॉट आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स को बेच दिया था. यह सब दस्तावेजों में दर्ज है और मेरे सीए की तरफ से वैरीफाइड है. यह आना-पाई हिसाब के साथ किया गया सौदा था. कंपनी को दिया गया कोई भी कर्ज हमारी तरफ से कंपनी नए मालिक को बेचे जाने के बाद का है. हमने एक शून्य ऋण कंपनी बेची! हमने कंपनी के नाम पर कोई लोन नहीं लिया यह नए मालिकों ने लिया होगा.’

कुंद्रा और उनके माता-पिता का नाम द इंडियन एक्सप्रेस के पैराडाइज पेपर्स में ऑफशोर और बैंकिंग संपत्तियों की जांच में भी सामने आया था. जांच के मुताबिक, 2009 में कुंद्रा और उनके माता-पिता ने भारत और ब्रिटेन में दो कंपनियों में प्रत्यक्ष और परोक्ष निवेश के लिए छद्म ऑफशोर कंपनियों के माध्यम से दो मिलियन यूरो की फंडिंग की.

बहरहाल, कुंद्रा ने कभी विवादों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. कुंद्रा के लिए, जैसा उनके इंस्टाग्राम पेज से पता चलता है, एक दिन तो वह जेम्स बॉन्ड हैं, दूसरे ही दिन वे लियोनेल मेसी बन जाते हैं और फिर वह वे टाइटैनिक के जैक होते हैं, जो ‘#राजमंत्र’ के साथ प्रेरणादायक संदेश पोस्ट करते हैं. 8 जुलाई को ऐसे ही एक संदेश में कहा गया था, ‘मैं तभी तक इस बात की परवाह करता हूं कि अन्य लोग मेरे बारे में या सोचते हैं जब तक उनकी राय से मेरे खर्चे-पानी पर कोई असर न पड़ता हो.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: विकिपीडिया पर जब अन्य भारतीय भाषाओं में यूजर ‘कोविड’ और ‘ग्रंथ साहिब’ खोज रहे थे, तब भोजपुरी पाठक ‘बुर’ तलाश रहे थे


 

share & View comments