नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) पोप फ्रांसिस के अगले साल भारत आने की संभावना थी लेकिन सोमवार को उनके निधन के बाद उनकी यात्रा का कार्यक्रम अपूर्ण रह गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोप फ्रांसिस से दो बार – 2021 और 2024 में मुलाकात की थी तथा उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया था। पोप ने इसे स्वीकार कर लिया था।
गत दिसंबर में वेटिकन सिटी का दौरा करने वाले केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि यह बहुप्रतीक्षित यात्रा 2025 में कैथोलिक चर्च द्वारा आयोजित ईसा मसीह के जयंती वर्ष समारोह के बाद होने की उम्मीद थी।
पोप की पिछली भारत यात्रा 1999 में हुई थी, जब पोप जॉन पॉल द्वितीय एशिया के बिशपों की विशेष धर्मसभा के समापन समारोह की अध्यक्षता करने के लिए नयी दिल्ली आए थे।
उन्होंने तत्कालीन उपराष्ट्रपति कृष्णकांत और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की थी।
पोप जॉन पॉल द्वितीय फरवरी 1986 में भी भारत आए थे और कोलकाता स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी सहित देश के विभिन्न भागों का दौरा किया था तथा भारतीय नेतृत्व से मुलाकात की थी।
भारत की यात्रा करने वाले प्रथम पोप पॉल चतुर्थ थे, जो ‘इंटरनेशनल यूचरिस्टिक कांग्रेस’ में भाग लेने के लिए 1964 में मुंबई आए थे।
मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ पहली बार अक्टूबर 2021 में रोम में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की थी।
प्रधानमंत्री ने पोप फ्रांसिस को शीघ्र ही भारत आने का निमंत्रण दिया था।
मोदी ने पिछले वर्ष जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान भी पोप फ्रांसिस से मुलाकात की थी और उन्हें भारत आने का फिर से निमंत्रण दिया था।
फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित पोप का 88 साल की आयु में सोमवार को निधन हो गया।
भाषा नेत्रपाल रंजन
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