भोपाल, 21 अप्रैल (भाषा) भोपाल के आर्कबिशप दुरैराज ने सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका निधन न केवल कैथोलिक समुदाय, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया। वह रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लातिन-अमेरिकी पादरी थे।
दुरैराज ने कहा, ‘मुझे व्यक्तिगत रूप से पोप फ्रांसिस से मिलने का सौभाग्य मिला था। उनके व्यक्तित्व ने मुझ पर स्थायी छाप छोड़ी। वह बहुत ही आध्यात्मिक थे। उनमें विनम्रता, करुणा और मानवता कूट-कूटकर भरी थी।’
दुरैराज मध्यप्रदेश के बिशप परिषद के अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने कहा, ‘पोप फ्रांसिस ने लगातार शरणार्थियों का स्वागत करने की वकालत की, वैश्विक नेताओं से युद्ध समाप्त करने का आग्रह किया और हम सभी को जीवन की पवित्रता एवं आम जन की रक्षा के महत्व की याद दिलाई। भोपाल के आर्कबिशप के रूप में, मैं उनके उल्लेखनीय जीवन, उनके प्रभावशाली कार्यों और उनके असाधारण व्यक्तित्व को याद करता हूं।’
दुरैराज ने कहा कि पोप फ्रांसिस का जीवन विश्वास, विनम्रता और सेवा की गहन यात्रा था।
उन्होंने कहा कि जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो के रूप में पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था और उनका पालन-पोषण एक मामूली परिवार में हुआ था।
दुरैराज ने कहा कि पोप फ्रांसिस की विरासत भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
भाषा
ब्रजेन्द्र पारुल
पारुल
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