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गुरूवार, 5 जून, 2025
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यमुना नदी का प्रदूषण और वायु प्रदूषण दिल्ली में सबसे बड़े पर्यावरणीय मुद्दे: न्यायमूर्ति करोल

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नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश संजय करोल ने बृहस्पतिवार को कहा कि वायु प्रदूषण और यमुना नदी का प्रदूषण राष्ट्रीय राजधानी में सबसे बड़े पर्यावरणीय मुद्दे हैं।

न्यायाधीश ने ‘सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म’ (एसआईएलएफ) के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन और पुरस्कार 2025 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है और इसकी जिम्मेदारी सिर्फ न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका की नहीं है।

न्यायमूर्ति करोल ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्यावरण, चाहे वह किसी भी रूप में हो, संरक्षित किया जाना चाहिए। मैं यह भी कहना चाहूंगा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने कुछ सिद्धांत विकसित किए हैं और जन विश्वास का सिद्धांत एक ऐसा सिद्धांत है जिसे हमें हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं यह कहूंगा कि यदि आप पिछले 75 वर्षों या 1980 के दशक से हमारा रिपोर्ट कार्ड देखें तो पाएंगे कि हमने क्या किया है? क्या हमने पर्यावरण की रक्षा के लिए पर्याप्त काम किया है? मेरा मानना ​​है कि सभी स्तरों पर बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है। मेरे अनुसार, आगे का रास्ता यह है कि हमें व्यक्तिगत रूप से पर्यावरण से संबंधित मुद्दों को उठाना होगा।’’

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संबंधी मुद्दों को फैसले पारित करने के लिए अदालतों, प्रासंगिक कानून बनाने के लिए विधायिका या उन्हें लागू करने के लिए कार्यपालिका पर नहीं छोड़ा जा सकता।

न्यायमूर्ति करोल ने कहा, ‘‘हममें से प्रत्येक को, जिम्मेदार नागरिक के रूप में, यह समझना होगा, जागरूक होना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की रक्षा करें।’’

उन्होंने दो प्रमुख मुद्दों वायु प्रदूषण और प्रदूषित यमुना पर प्रकाश डाला, जिन पर दिल्ली को अपेक्षित ध्यान देने की आवश्यकता है।

न्यायमूर्ति करोल ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि आपमें से कितने लोगों ने मेट्रो में यात्रा की है, या आपमें से कितने लोग लुटियंस से आगे गए हैं। लेकिन अगर आप नोएडा या ट्रांस-यमुना जाएं तो आपको पता चलेगा कि यमुना असल में क्या है। ये दो सबसे बड़ी चुनौतियां हैं।’’

न्यायमूर्ति करोल ने प्रत्येक नागरिक से पर्यावरण की रक्षा का बीड़ा उठाने का आग्रह किया।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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