कोयंबटूर (तमिलनाडु), 13 मई (भाषा) कोयंबटूर महिला अदालत ने पोलाची यौन उत्पीड़न और जबरन वसूली के सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार सभी नौ लोगों को मंगलवार को दोषी ठहराया।
न्यायाधीश आर नंदिनी देवी दिन में बाद में सजा सुनाएंगी।
सभी आरोपियों पर 2016 से 2018 के बीच हुई घटनाओं को लेकर ब्लैकमेल, आपराधिक साजिश, यौन उत्पीड़न, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और जबरन वसूली समेत कई आरोप लगाए गए थे। अधिकतर पीड़िताएं छात्राएं थीं और यह घटना तब सामने आई जब एक पीड़ित छात्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
गिरफ्तार लोगों पर अपने कुछ कृत्यों के वीडियो बनाने का भी आरोप लगाया गया।
इस घटना से राज्य में आक्रोश फैल गया और राज्य विधानसभा में भी इसकी गूंज सुनाई दी।
शुरुआत में मामले की जांच स्थानीय पुलिस ने की लेकिन बाद में इसे अपराध जांच विभाग की अपराध शाखा (सीबी-सीआईडी) को सौंप दिया गया। मामले को 2019 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया।
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सुरेन्द्र मोहन ने संवाददाताओं को बताया कि एजेंसी ने मौत तक आजीवन कारावास की ‘‘सर्वाधिक सजा’’ दिए जाने का अनुरोध किया है।
सीबीआई ने पीड़िताओं के लिए मुआवजे की मांग की है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि दोषी व्यक्तियों ने अपनी कम उम्र और बुजुर्ग माता-पिता सहित अन्य आधारों पर नरमी बरते जाने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने कुल 48 गवाहों से पूछताछ की और उनमें से कोई भी अपने बयान से पलटा नहीं।
इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य ने आरोपों को साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्योंकि वे ‘‘वैज्ञानिक आधार पर पुष्ट’’ थे।
भाषा सिम्मी मनीषा
मनीषा
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