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Friday, 4 October, 2024
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मायावती, राजनीति और रक्षाबंधन- ये रिश्ता क्या कहलाता है

रक्षाबंधन पर मायावती बसपा सरकार में मंत्री रह चुके करतार सिंह, भाजपा के दिग्गज नेता लालजी टंडन और इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय चौटाला को राखी बांधती रही हैं.

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नई दिल्ली: ऐसा माना जाता रहा है कि राजनीति गलियारों में कोई भी रिश्ता नहीं होता. सभी मतलब से जुड़ते हैं और जरा सी खटपट पर अलग भी हो जाते हैं. लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती इनसे थोड़ी अलग हैं. हालांकि, रक्षाबंधन के अवसर पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक ये त्योहार धूम धाम से मनाते हैं और उनके घरों पर और राष्ट्रपति भवन में राखी बांधने वालों की कतार लग जाती है. रक्षा बंधन का त्योहार हो और बहन मायावती याद न की जाएं ये हो नहीं सकता है क्योंकि मायावती कई दिग्गज राजनेताओ को राखी बांधती रही हैं.

हालांकि, राजनीति में रक्षाबंधन के अलग मायने होते हैं. कहने को तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती राजनीतिक विरोधी हैं, लेकिन अखिलेश उनको बुआ बोलते हैं, मगर मायावती ने मुलायम सिंह यादव को अपना भाई नहीं कहा और न उनको कभी राखी बांधी , फिर भी अखिलेश यादव उनको अपनी मुंहबोली बुआ मानते हैं.

मायावती के हालांकि दो सगे भाई हैं, लेकिन उनका राजनीति से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन राजनीति दुनिया में उन्होंने तीन नेताओं को राखी बांधी हैं.

इन तीन नेताओ को मायावती ने बांधी राखी

रक्षाबंधन पर मायावती बसपा सरकार में मंत्री रह चुके करतार सिंह, भाजपा के दिग्गज नेता लालजी टंडन और इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय चौटाला को राखी बांधती रही हैं. हालांकि, कहा जाता है कि गठबंधन  टूटने के बाद से लालजी टंडन को मायावती ने उन्हें राखी बांधना छोड़ दिया था.
करतार सिंह नागर
मायावती ने सबसे पहले बसपा सरकार में मंत्री रह चुके करतार सिंह नागर को राखी बांधी थी. नागर मायावती के पैतृक गांव बादलपुर के ही रहने वाले हैं और दोनों के बीच राजनीति में आने से पहले से ही काफी अच्छे संबंध रहे हैं और दोनों के बीच पारिवारिक रिश्ते हैं. मायावती नागर को रक्षा बंधन पर राखी भी बांधती हैं.
अभय चौटाला

इसके बाद देखते ही देखते मायावती ने के मुंहबोले भाई के लिस्ट में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय चौटाला का नाम भी शामिल हो गया.

गौरतलब है कि, अभय चौटाला बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायवती के दिल्ली स्थित निवास पर एक रैली का निमंत्रण देने पहुंचे थे. जहां मायावती ने अभय चौटाला को त्योहार से पहले राखी बांधी और तिलक लगाया.

साथ ही मायावती ने 25 सितंबर 2018 को जाटलैंड गोहाना में मनाए जाने वाले ताऊ देवीलाल के राज्य स्तरीय जयंती समारोह में शामिल होने की घोषणा भी की थी. जिसके साथ मायावती ने ये भी कहा था कि, इस पवित्र रिश्ते को चुनावी राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए.

अब बात उनके सबसे पहले भाई लालजी टंडन की. लालजी टंडन अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन आज भी दोनों भाई-बहन की जोड़ी राजनीति से लेकर मीडिया जगत में काफी पॉपुलर है. गौरतलब है कि 22 अगस्त 2002 को मुख्यमंत्री रहते हुए सुप्रीमो मायावती टंडन को राखी बांधने उनके घर गई थी उस वक़्त मायावती ने उन्हें चांदी की राखी बांधी थी.


मायावती और टंडन का मुंहबोले भाई बहन का रिश्ता काफी चर्चा में रहा.

जानकारी के अनुसार 1995 में गेस्ट हाउस में मायावती को जब सपा के गुंडों ने घेर लिया था तब उनकी की जान बचाने में लालजी टंडन की बड़ी भूमिका थी. जिसके बाद से मायावती लालजी टंडन को अपना भाई मानने लगी और हर रक्षाबंधन को उन्हें राखी भी बांधती थीं.

लेकिन कहा जाता है कि 2003 में भाजपा और बसपा का गठबंधन टूटा और उसके बाद सरकार गिर गई जिसके बाद मायावती ने लालजी टंडन को कभी राखी नहीं बांधी.

21 जुलाई 2020 को लालजी टंडन का निधन हो गया था. जिसके बाद मायावती ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए एक ट्वीट किया, ‘मध्य प्रदेश के गवर्नर व यूपी में बीजेपी की सरकार में कई बार वरिष्ठ मंत्री रहे श्री लालजी टंडन, जो काफी सामाजिक, मिलनसार व संस्कारी व्यक्ति थे, उनका इलाज के दौरान आज लखनऊ में निधन होने की खबर अति-दुःखद व उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना.’

कभी किसी के घर राखी बांधने नहीं गई’

मायावती ने तीन नेताओ को अपना मुंहबोला भाई माना और राखी भी बांधती रही. लेकिन ‘आपकी अदालत’ में हो रहे इंटरव्यू के दौरान मायावती से जब नेताओ को राखी बांधने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, ‘वह कभी किसी के घर राखी बांधने नहीं गई हैं’.

मायावती ने कहा था कि, ‘अगर कोई घर राखी ले के आए तो वह भगा नहीं सकती इसलिए राखी बांध देती है.’ शायद ये जानकर उनके मुंहबोले भाईयों को झटका जरूर लगा होगा.

मगर हर बार उन्हें सब के घर जा कर ही राखी बांधते हुए देखा गया है.

पाकिस्तान से पीएम मोदी के लिए आई राखी

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बहन भी हैं जो सरहद पार से उनके लिए पिछले कई सालों से राखी भेज रही हैं और उनके अच्छे स्वास्थ्य की दुआ करती हैं. इस बहन की राखी पीएम के पास त्योहार से कई दिन पहले ही पहुंच गई है साथ ही बहन मोहसिन शेख ने पीएम मोदी को ढेर सारी दुआएं भेजते हुए भारत आने की उम्मीद भी जताई है. वह कहती हैं कि वह पिछले साल 20 से अधिक वर्षों से नरेंद्र मोदी को राखी बांध रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस बार वे मुझे दिल्ली भी बुलाएंगे.

बता दें कि मोहसिन खान ने जो पीएम के लिए राखी भेजी है वह उन्होंने खुद ही बनाई है. वह कहती हैं, मैंने खुद इस राखी को रेशमी रिबन से कढ़ाई के डिजाइन के साथ बनाया है. साथ कहा कि मैं चाहती हूं कि वह हर बार भारत के पीएम बने.वह इसके हकदार हैं क्योंकि उनके पास वे क्षमताएं हैं और मैं चाहती हूं कि वह हर बार भारत के पीएम बने.’

पीएम मोदी की इस पाकिस्तानी बहन ने पिछले साल भी उन्हें राखी और रक्षा बंधन कार्ड भेजा था.


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