(सुदीप्तो चौधरी)
कोलकाता, 12 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक संकट ने वहां से कोलकाता के अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या पर गंभीर असर डाला है और उसकी प्राथमिक वजह वीजा जारी करने में देरी एवं लोगों के मन डर का भाव है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पीयरलेस अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पीयरलेस अस्पताल में बांग्लादेश से आने वाले मरीजों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है और इसका असर बाह्य एवं आंतरिक (विभागों के) दोनों तरह के मरीजों की संख्या पर पड़ा है।’’
अधिकारियों ने बताया कि वुडलैंड्स मल्टीस्पेशलिएटी अस्पताल, डेसून अस्पताल और मनीपाल अस्पताल जैसे अन्य अस्पतालों में भी बांग्लादेश के मरीजों में कमी आयी है।
पीयरलेस अस्पताल के प्रबंध निदेशक रवींद्र पाई ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बांग्लादेश से आने वाले मरीजों की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिसका असर बाह्य रोगी और अंतः रोगी विभाग दोनों पर पड़ा है। यह गिरावट करीब 90 प्रतिशत है।’’
पाई ने कहा,‘‘ बांग्लादेश का वर्तमान राजनीतिक उथल-पुथल और वीजा जारी करने में कमी इसके प्राथमिक कारण हैं।’’
निर्धारित सर्जरी के भविष्य बारे में उन्होंने कहा, ‘‘अब, वीजा में देरी होने के कारण सर्जरी निर्धारण का प्रश्न ही नहीं है। यदि मरीज आने लगते हैं तो हम सर्जरी करने के लिए तैयार हैं।’’
वुडलैंड्स मल्टीस्पेशलिएटी अस्पताल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपक बरुआ ने कहा, ‘‘ पिछले चार महीनों में बांग्लादेश से आने वाले मरीजों में भारी कमी आयी है।’’
भाषा राजकुमार रंजन
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