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शुक्रवार, 18 अप्रैल, 2025
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मुख्यमंत्री उमर और रीजीजू के बीच ‘संयोगवश मुलाकात’ से जम्मू-कश्मीर में सियासी तूफान

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श्रीनगर, सात अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू के बीच सोमवार को एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन में हुई ‘संयोगवश मुलाकात’ से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों ने इस मुलाकात की कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘‘वक्फ कानून संबंधी भाईचारा’’ करार दिया।

सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के सूत्रों ने बताया कि उमर अब्दुल्ला अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के साथ ट्यूलिप गार्डन पहुंचे थे, क्योंकि फारूक ने इन दिनों पूरी तरह खिले हुए ट्यूलिप गार्डन का दौरा करने की इच्छा जताई थी।

सूत्रों ने बताया कि पिता-पुत्र का सुबह-सुबह रीजीजू से आमना-सामना हुआ जो बगीचे का दौरा करने आए थे। उन्होंने बताया कि एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक खेमों के नेताओं ने अपने-अपने रास्ते पर आगे बढ़ने से पहले एक-दूसरे का अभिवादन किया।

रीजीजू ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर अब्दुल्ला के साथ तस्वीरें पोस्ट कीं, जिससे विवाद खड़ा हो गया। विपक्षी दलों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर वक्फ संशोधन अधिनियम के बाद भाजपा नेता के लिए लाल कालीन बिछाने का आरोप लगाया।

नेकां सूत्रों ने इस बातचीत को पूरी तरह से एक ‘‘संयोगवश हुई मुलाकात’’ बताया तथा इसे लेकर की जा रही आलोचना को खारिज किया।

विपक्षी ‘पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’ (पीडीपी) और ‘पीपुल्स कॉन्फ्रेंस’ ने इस बैठक को लेकर सत्तारूढ़ ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस’ पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह वक्फ अधिनियम पारित होने का दिखावे के लिए भी विरोध नहीं कर रही है और उसने भाजपा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।

पीडीपी नेता नईम अख्तर ने कहा, ‘‘वक्फ कानून भाईचारा! इतनी जल्दी! इस मुद्दे पर जब सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक विधानसभा में नाटक कर रहे हैं, तब भी कोई दिखावा तक नहीं किया गया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के तौर पर रीजीजू ने संसद में विधेयक पेश किया था।’’

इसके एक अन्य नेता और पुलवामा से पार्टी के विधायक वहीद पारा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों को सरकार के ‘‘राजनीतिक रंगमंच’’ में ‘‘एक खिलौना’ बना दिया गया है जो मंच पर तो उपयोगी हैं लेकिन असल निर्णय लेते समय उनका प्रतिनिधित्व करना बहुत असुविधाजनक है।

पारा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘इस बीच, तमिलनाडु ने वक्फ विधेयक को पूरी तरह से खारिज कर दिया है क्योंकि उनके पास विरोध करने की हिम्मत है लेकिन नेकां राजनीतिक लाभ के लिए हमारे लोगों और संस्थानों की कीमत पर आत्मसमर्पण करती रहती है।’’

पुलवामा के विधायक ने कहा कि नेकां ने उन केंद्रीय मंत्री के लिए ट्यूलिप उद्यान में ‘‘लाल कालीन बिछाया’’ है, जिन्होंने संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया और उसका बचाव किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है: वक्फ पर कोई भी प्रस्ताव पेश नहीं होना मौन स्वीकृति है। नेकां विधायक दिखावे के लिए जितना चाहें उतना विरोध कर सकते हैं लेकिन हम जानते हैं कि मुख्यमंत्री एवं नेकां संरक्षक ने किसी और के लिए नहीं, बल्कि किरेन रीजीजू के लिए ट्यूलिप उद्यान में लाल कालीन बिछाया है। यह वही मंत्री हैं जिन्होंने संसद में विधेयक पेश किया था और उसका बचाव किया था।’’

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने कहा कि मुख्यमंत्री को विरोध के तौर पर केंद्रीय मंत्री से दूरी बनाकर रखनी चाहिए थी।

लोन ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत के मुसलमान कम से कम इतने के तो हकदार थे कि भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल प्रांत जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री वक्फ विधेयक पेश करने वाले किरेन रीजीजू से विरोध स्वरूप दूरी बनाए रखते। इसके बजाय वह फारूक साहब को भी अपने साथ ले गए। कितनी शर्म की बात है।’’

केंद्रीय मंत्री ने उमर और फारूक अब्दुल्ला के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि आकर्षक ट्यूलिप उद्यान एशिया में सबसे भव्य है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में ट्यूलिप उद्यान के जीवंत रंगों के बीच माननीय मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ ताजगी भरी सुबह की सैर। डॉ. फारूक अब्दुल्ला साहब से मिलकर भी खुशी हुई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसकी विविधितापूर्ण खूबसूरती हैरान करने वाली है और यह उद्यान एक बेहतरीन जगह है। आइए, इन जीवंत फूलों की सुंदरता में डूबने के लिए हर साल यहां रिकॉर्ड संख्या में आगंतुकों के आने का मिलकर जश्न मनाएं।’’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को शनिवार को अपनी मंजूरी दे दी जिसे पहले संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया था।

भाषा संतोष नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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