scorecardresearch
बुधवार, 21 मई, 2025
होमदेशरैली में शामिल होने का निमंत्रण देने सौरव गांगुली के घर जा रहे बेरोजगार शिक्षकों को पुलिस ने रोका

रैली में शामिल होने का निमंत्रण देने सौरव गांगुली के घर जा रहे बेरोजगार शिक्षकों को पुलिस ने रोका

Text Size:

कोलकाता, 15 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय के हाल के फैसले से बेरोजगार हुए शिक्षकों का एक समूह 21 अप्रैल को पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ तक मार्च में शामिल होने का निमंत्रण देने के लिए मंगलवार को पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली के आवास पर गया, लेकिन पुलिस ने उसे रोक दिया और इस तरह का निमंत्रण देने से पहले ‘‘प्रक्रियागत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए’’ उसे एक थाने ले गई।

गांगुली के आवास पर जाने की कोशिश करने वाले शिक्षक ‘चक्रिहारा ओइक्यामंच’ नामक एक मंच से जुड़े हुए हैं। चक्रिहारा ओइक्यामंच ने नबान्न तक एक रैली निकालने का आह्वान किया था। उसकी मांग है कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय के समक्ष कानूनी रूप से बातें रखकर ‘बेदाग’ उम्मीदवारों की नौकरियों को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाए।

ये शिक्षक राज्य सरकार प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों के उन 25,753 अध्यापकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों में शामिल हैं जिन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने 2016 की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई थीं और तीन अप्रैल को पूरे पैनल हो ही रद्द कर दिया था।

दक्षिण कोलकाता के बेहला इलाके में गांगुली के आवास के पास तीन बेरोजगार शिक्षकों में से एक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मदद पाने के लिए लोकप्रिय हस्ती सौरव गांगुली के आवास पर जाना चाहते थे ताकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमसे बातचीत करें। हम दादा (सौरव) से मिलना चाहते थे और उन्हें हमारी रैली में आमंत्रित करना चाहते थे। हम उनके लिए निमंत्रण लेकर आए हैं।’’

जब शिक्षकों को गांगुली के कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों को निमंत्रण सौंपने के लिए कहा गया तो उन्होंने उन्हें निमंत्रण पत्र देने इनकार कर दिया और उनसे (गांगुली से) व्यक्तिगत रूप से मिलने पर जोर दिया।

इस बीच पुलिस अधिकारी मौके पर आए और तीनों शिक्षकों को ठाकुरपुकुर थाने साथ चलने को कहा। साथ ही यह भी कहा कि बिना पूर्व अनुमति के गांगुली को निमंत्रण (पत्र) नहीं सौंपा जा सकता।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है, अधिकारियों ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया और कहा कि वे केवल शिक्षकों की मांग और प्रक्रियागत मामलों पर बात करना चाहते थे।

एक अन्य घटनाक्रम में, सैकड़ों बेरोजगार ‘पात्र’ शिक्षकों ने अपने मुद्दे को उजागर करने के लिए कुछ समय के लिए मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र में एक मानव श्रृंखला बनाई।

भाषा

राजकुमार सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments