कोलकाता, 27 फरवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संकटग्रस्त संदेशखालि जा रहे ‘इंडियन सेक्युलर फ्रंट’ (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए संदेशखालि की ओर जा रहे प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को भी वहां जाने से रोक दिया गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भांगड़ से विधायक सिद्दीकी को सीआरपीसी की धारा 151 (संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए गिरफ्तारी) के तहत कोलकाता में साइंस सिटी के पास गिरफ्तार किया गया था।
उत्तर 24 परगना जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए संदेशखालि के संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू की हुई है।
सिद्दीकी ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे क्यों गिरफ्तार किया है। यह संदेशखालि से कई किलोमीटर दूर है। मैं संदेशखालि के ग्रामीणों से मिलने के लिए वहां जा रहा था। मैंने कोई नियम या कानून नहीं तोड़ा।”
विधायक ने सवाल किया, ”उन्होंने मुझे संदेशखालि से 62 किलोमीटर दूर रोक लिया लेकिन राज्य के दो मंत्री पार्थ भौमिक और सुजीत बोस जब वहां गए तो उन्हें नहीं रोका गया। पुलिस केवल विपक्षी नेताओं को संदेशखालि जाने से रोक रही है। वे क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं?”
इससे पहले सिद्दीकी अपने दो सुरक्षा गार्डों के साथ सुबह करीब नौ बजे साइंस सिटी पहुंचे जब कोलकाता पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने उन्हें रोक दिया। आईएसएफ विधायक को लालबाजार में कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”’संदेशखालि के कुछ इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। हम लोगों को उन क्षेत्रों में जाने की अनुमति देकर कानून- व्यवस्था में व्यवधान की अनुमति नहीं दे सकते। इसलिए उन्हें (सिद्दीकी को) रोका गया।”
सिद्दीकी को गिरफ्तारी के लगभग सात घंटे बाद शाम को रिहा कर दिया गया। वह संदेशखालि और बसंती में दो कार्यक्रम आयोजित करने वाले थे।
सिद्दीकी ने कहा, ”हम ममता बनर्जी के विपरीत एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाते हैं, जिन्होंने विधानसभा का फर्नीचर तोड़ा था। मैंने संदेशखालि और बसंती में अपने कार्यक्रमों के बारे में पुलिस महानिदेशक को सूचित किया था। पुलिस ने संविधान में निहित आंदोलन की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन किया है।”
उन्होंने कहा, ”मैं उस पुलिस अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा, जिसने मुझे हिरासत में लिया। वे आजाद नागरिकों को नहीं रोक सकत और जिम्मेदार विपक्ष को नहीं रोका जा सकता।”
सिद्दीकी ने कहा, ”पुलिस मंत्री के निर्देश पर पुलिस ने ऐसा किया (उन्हें संदेशखालि जाने से रोका)। वे ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के आदेश के बिना ऐसा नहीं कर सकते।”
सिद्दीकी की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि पुलिस सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के निर्देश पर काम कर रही है।
चक्रवर्ती ने कहा, ”यह हास्यास्पद है। वे (पुलिस) संदेशखालि से 60 किलोमीटर दूर स्थित स्थान पर नौशाद को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं? उन्होंने कोई नियम नहीं तोड़ा।”
भाजपा नेता समिक भट्टाचार्य ने पुलिस प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा, ”टीएमसी शासन के तहत, पश्चिम बंगाल में अराजकता व्याप्त है। उन्होंने (पुलिस ने) हमारे नेता (पार्टी प्रदेश अध्यक्ष) सुकांत मजूमदार के साथ भी यही किया।”
भाषा जितेंद्र माधव
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