उन्नाव : उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बबुराहा गांव में दो लड़कियों के मौत के मामले में यूपी पुलिस ने कहा है कि लड़कियों को ‘कीटनाशक’ पिला कर मारा गया है. इस मामले में उन्नाव पुलिस ने एक व्यक्ति और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है.
आईजी लखनऊ रेंज लक्ष्मी सिंह ने शुक्रवार को उन्नाव में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति (मुख्य आरोपी) और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है. उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार लिया है.’
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘पड़ोस के गांव (पाठकपुर) का रहने वाला विनय इस मामले के मास्टरमाइंड हैं. यह घटना उसकी एकतरफा प्रेम कहानी का नतीजा है.’
बुधवार शाम को तीन चचेरी बहनों की खेत में मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी. दो बहनों की जहां मौके पर ही मौत हो गई थी वहीं तीसरी की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है और उसका इलाज कानपुर के अस्पताल में चल रहा है.
लक्ष्मी सिंह ने बताया, ‘विनय ने हाल में उस लड़की को प्रपोज किया था लेकिन लड़की ने इनकार कर दिया. वह उस पर दबाव डालता रहा. बुधवार को जब वे खेतों में मिले तो विनय ने उसे खाने के लिए नमकीन और पानी दिया. उसने पीने के पानी में कीटनाशक मिला दिया थी. यही पानी पीकर सभी लड़कियां बेहोश हो गईं.’
आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने पर एक लड़की की मां ने दिप्रिंट कहा, ‘हमें आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी मीडिया के माध्यम से ही मिली है. अभी हम कुछ भी कहने की सही स्थिति में नहीं हैं. अगर पुलिस ने किसी को गिरफ्तार किया है, तो यह एक अच्छा कदम है.’
आईजी लक्ष्मी सिंह ने खुलासा किया कि विनय का खेत गांव में लड़कियों के खेत से सटा हुआ है.
उन्होंने आगे बताया, ‘विनय और उन तीन लड़कियों में से एक से खेतों में बातचीत होती रहती थी. विनय ने कबूला है कि लॉकडाउन के दौरान उसकी एक लड़की से दोस्ती हो गई थी.’
उन्होंने कहा, ‘विनय सिर्फ एक ही लड़की को मारना चाहता था लेकिन उसकी बहनों ने भी उसी बोतल से पानी पी लिया था.’
उन्होंने बताया कि जब लड़कियों के मुंह से झाग निकलने लगा तो विनय और उसका साथी वहां से भाग गए.
आईजी लक्ष्मी सिंह के मुताबिक, ‘सिगरेट के टुकड़े और खाली बोतल खेत में ही पाई गई और सीडीआर उसकी खेतों में मौजूदगी को दर्शाती है. जांच के दौरान ही पता चला कि विनय के साथ एक नाबालिग लड़का भी मौके पर मौजूद था.’
य़ह भी पढ़ें: उन्नाव मामले में पोस्टमार्टम में नहीं मिली ‘बाहरी चोट’ पुलिस को शक- लड़कियों को दिया गया ज़हर, FIR दर्ज
पुलिस का यौन उत्पीड़न के आरोप से इनकार
पुलिस ने इस मामले में किसी तरह के यौन हमले की बात से इनकार किया है. आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा, ‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत से पहले चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं.
मीडिया से बातचीत के दौरान आईजी लक्ष्मी सिंह ने यह भी कहा, ‘शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है और एक लड़की के पिता की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत में इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि उनके हाथ या गले को बांधा गया था.’
पुलिस ने गुरुवार को एटॉप्सी रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि दोनों पीड़ितों के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी यौन उत्पीड़न का उल्लेख नहीं है.
सीबीआई जांच कराने की परिवार की है मांग
इससे पहले, उन्नाव जिले के बबुराहा गांव की इन तीन पीड़ितों में से एक की मां और अन्य रिश्तेदारों ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की.
उसने दिप्रिंट से बातचीत के दौरान कहा, ‘मेरी बेटी के साथ गलत काम हुआ है. गले को दुपट्टे से कसा गया था.’
अपनी बेटी के अंतिम संस्कार के बाद उसने कहा कि पुलिस को असली दोषी को पकड़ना चाहिए. हम इस मामले की जांच से संतुष्ट नहीं हैं और उच्च स्तर पर जांच की जरूरत है. हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी.
अस्पताल में जिस लड़की का इलाज चल रहा है उसके भाई विकास कुमार ने कहा, ‘हम अभी भी सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.’
उसने आगे कहा कि हमारी बहन जिसका इलाज कानपुर के अस्पताल में हो रहा है उसका इलाज अच्छे से किया जाना चाहिए. उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.’
उस लड़की की रिश्तेदार और पड़ोसी कृष्णा देवी ने कहा, ‘हम दलित हैं और एक कमजोर तबके के हैं, इसीलिए कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है. हमने अपनी बेटियों को खोया है. गिरफ्तारी के बजाये वे परिजनों पर दबाव डाल रहे हैं. उन्होंने एफआईआर में हाथ बंधे होने का जिक्र नहीं किया है.’
गौरतलब है कि मवेशियों को चराने गईं 13, 14 और 16 वर्ष की उम्र की तीन लड़कियां बुधवार को अपने खेत में अचेतावस्था में पाई गई थीं. अस्पताल पहुंचने पर दो लड़कियों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि तीसरी अभी कानपुर के एक निजी अस्पताल में मौत से जूझ रही है.
यह भी पढ़ें: उन्नाव में 2 लड़कियों की मौत के 24 घंटे बाद भी खाली हाथ है यूपी पुलिस, विपक्ष ने उठाई जांच की मांग