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Friday, 15 November, 2024
होमदेशसीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल जादवपुर विश्वविद्यालय के पोलैंड के छात्र को भारत छोड़ने का आदेश

सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल जादवपुर विश्वविद्यालय के पोलैंड के छात्र को भारत छोड़ने का आदेश

इस घटना से ठीक पहले विश्व भारतीय विश्वविद्यालय की बांग्लादेशी छात्रा को एफआरआरओ ने इसी तरह का निर्देश जारी किया था जब छात्रा ने परिसर में सीएए विरोधी प्रदर्शन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी.

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नई दिल्ली: जादवपुर विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले पोलैंड के एक छात्र को विदेशी नागरिक क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) ने देश छोड़कर जाने को कहा है.

विश्वविद्यालय के सूत्रों ने रविवार को बताया कि पश्चिम बंगाल की राजधानी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में निकाली गई रैली में छात्र के हिस्सा लेने के बाद यह कदम उठाया गया है.

इस घटना से ठीक पहले विश्व भारतीय विश्वविद्यालय की बांग्लादेशी छात्रा को एफआरआरओ ने इसी तरह का निर्देश जारी किया था जब छात्रा ने परिसर में सीएए विरोधी प्रदर्शन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी.

जारी नोटिस में कहा गया था कि, ‘बांग्लादेशी पासपोर्ट धारक अफसारा अनिका मीम छात्र वीजा पर शांति निकेतन विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही है. लेकिन वह सरकार-विरोधी गतिविधियों में शामिल पाई गई है. यह वीजा नियमों का उल्लंघन है.’ नोटिस में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि वह किस तरह की गतिविधियों में शामिल रही.

इससे पहले आईआईटी, मद्रास में पढ़ने वाले एक जर्मन छात्र को भी इसी आरोप में देश छोड़ कर जाने को कहा गया था.

जादवपुर विश्वविद्यालय के एक सूत्र ने बताया कि तुलनात्मक साहित्य के छात्र पोलैंड के कामिल सिएदसिंस्की को एफआरआरओ ने अपने कोलकाता कार्यालय में आने को कहा था और वह 22 फरवरी को गया भी था.

सूत्र ने बताया, ‘सिएदसिंस्की को एफआरआरओ ने एक नोटिस थमा दिया और नोटिस की तारीख से दो हफ्ते के भीतर देश छोड़कर जाने को कहा. छात्र वीजा पर भारत में रह रहे विदेशी नागरिक के कथित आचरण को अनुचित बताते हुए यह नोटिस दिया गया.’


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विश्वविद्यालय के सूत्र ने कहा कि कई शिक्षक और वामपंथी छात्रों का मानना है कि सिएदसिंस्की को पिछले साल दिसंबर में शहर के मोलाली इलाके में सीएए विरोधी रैली में शामिल होने की कीमत चुकानी पड़ रही है जहां एक बंगाली दैनिक ने उसका साक्षात्कार लिया था और अगले दिन पर उस पर एक छोटी सी खबर छपी थी.

सूत्र ने कहा, ‘कुछ लोगों ने संभवत: एफआरआरओ की रिपोर्ट की प्रति आगे भेजी है. सिएदसिंस्की का किसी राजनीतिक विचारधारा के प्रति झुकाव नहीं है लेकिन प्रदर्शन रैली में उसका उत्साह और तस्वीरें खींची जाने के कारण उसके लिए मुसीबत खड़ी हो गई है.’

सिएदसिंस्की को इस साल तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा देनी थी. उससे संपर्क नहीं हो पाया. विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास और रजिस्ट्रार स्नेहामंजु बसु ने भी फोन नहीं उठाया.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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