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Wednesday, 16 July, 2025
होमदेशपीएनबी धोखाधड़ी मामला : ईडी, सीबीआई के प्रत्यर्पण अनुरोध पर नीरव मोदी का भाई अमेरिका में गिरफ्तार

पीएनबी धोखाधड़ी मामला : ईडी, सीबीआई के प्रत्यर्पण अनुरोध पर नीरव मोदी का भाई अमेरिका में गिरफ्तार

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नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) अमेरिकी अधिकारियों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के प्रत्यर्पण अनुरोधों के आधार पर भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के छोटे भाई निहाल मोदी को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि अमेरिकी अधिकारियों ने भारत को सूचित किया कि निहाल मोदी को शुक्रवार को हिरासत में ले लिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि मामले की सुनवाई की अगली तारीख 17 जुलाई है और उस सुनवाई में निहाल जमानत का अनुरोध कर सकता है, लेकिन अमेरिकी अभियोजक इसका विरोध करेंगे।

प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा संयुक्त रूप से किये गये प्रत्यर्पण अनुरोध पर यह कदम उठाया गया।

अमेरिकी अभियोजकों द्वारा प्रत्यर्पण की कार्यवाही दो आरोपों पर की गई, जिसमें धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 3 के तहत धन शोधन का एक मामला और दूसरा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 201 (फरार होने) के तहत आपराधिक साजिश का मामला शामिल है।

निहाल (46) पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े कथित 13,000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में आरोपी है।

यह मामला अब तक के सबसे बड़े धोखाधड़ी मामलों में से एक है।

धोखाधड़ी का आरोप दोनों भाइयों (नीरव और निहाल मोदी) और उनके रिश्तेदार मेहुल चोकसी पर है।

सीबीआई के आरोप-पत्र के अनुसार, नीरव मोदी ने अपनी कंपनियों के माध्यम से फर्जी ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ (एलओयू) जारी करके पीएनबी से लगभग 6,498 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी, जबकि शेष राशि उसके रिश्तेदार ने इसी तरह की कार्यप्रणाली से हड़प ली थी।

बेल्जियम के एंटवर्प में जन्मे और पले-बढ़े तथा अंग्रेजी, गुजराती और हिंदी में पारंगत निहाल मोदी अपने भाई नीरव मोदी की ओर से अपराध की आय को कथित रूप से वैध बनाने के लिए भारत में वांछित हैं।

नीरव मोदी लंदन की जेल में बंद है और भारत में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहा है।

यह आरोप लगाया गया है कि निहाल मोदी ने भारतीय वित्तीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए फर्जी कंपनियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में अवैध धन को छिपाने और स्थानांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ईडी और सीबीआई दोनों द्वारा दायर अलग-अलग आरोप-पत्रों में उसका नाम आरोपी के रूप में दर्ज किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि ईडी के आरोप-पत्र में निहाल मोदी पर सबूत नष्ट करने और नीरव मोदी को उसके कथित अवैध कार्यों में ‘‘जानबूझकर’’ सहायता करने का आरोप लगाया गया है।

ईडी ने दावा किया है कि पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद निहाल मोदी ने नीरव मोदी के करीबी मिहिर आर भंसाली के साथ मिलकर ‘‘दुबई से 50 किलोग्राम सोना और भारी मात्रा में नकदी ली’’ और फर्जी निदेशकों को निर्देश दिया कि वे जांच अधिकारियों को उसकी पहचान न बताएं।

सीबीआई द्वारा प्रस्तुत पूरक आरोपपत्र में निहाल मोदी को आरोपी संख्या 27 के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें उन पर कथित आपराधिक साजिश को छिपाने के लिए दुबई में सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया है।

भारतीय प्राधिकारियों के अनुरोध पर इंटरपोल ने निहाल मोदी के विरुद्ध ‘रेड नोटिस’ जारी किया तथा उसे सार्वजनिक कर दिया, ताकि उसे ढूंढने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्राप्त किया जा सके।

‘रेड नोटिस’, इंटरपोल द्वारा जारी एक अंतरराष्ट्रीय अनुरोध है, जिसका उद्देश्य किसी व्यक्ति का पता लगाना और उसे गिरफ्तार करना है, ताकि प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या अन्य कानूनी कार्यवाही की जा सके।

निहाल मोदी ने नोटिस के खिलाफ इंटरपोल फाइल्स नियंत्रण आयोग (सीसीएफ) के समक्ष अपील की थी, लेकिन सीबीआई द्वारा विस्तृत खंडन प्रस्तुत करने के बाद उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

सीबीआई ने निहाल मोदी पर नीरव मोदी द्वारा धोखाधड़ी वाले व्यापार को वैधता प्रदान करने के लिए इस्तेमाल की गई दुबई स्थित फर्जी कंपनियों के निदेशकों को धमकाने का आरोप लगाया है।

इन व्यक्तियों को दुबई से काहिरा स्थानांतरित होने के लिए कथित तौर पर मजबूर किया गया और इस दौरान सबूत मिटाने के लिए उनके फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर सर्वर नष्ट कर दिए गए।

नीरव मोदी की कंपनियों के कर्मचारियों, इन व्यक्तियों को दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए कथित तौर पर मजबूर किया गया था, जिसमें उन्हें दुबई और हांगकांग स्थित कंपनियों का वास्तविक मालिक बताया गया था।

इन संस्थाओं को नीरव मोदी द्वारा नियंत्रित तीन फर्म – डायमंड्स आर अस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स – के साथ वैध निर्यात-आयात लेनदेन में संलग्न बताया गया।

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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