चेन्नई, 12 अप्रैल (भाषा) पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक और अध्यक्ष एस. रामदास पार्टी का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में लेने के फैसले पर अडिग नजर आ रहे हैं, जबकि एक वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के एक वर्ग ने उनके बेटे अंबुमणि रामदास को पार्टी प्रमुख के रूप में बहाल करने की मांग की है।
एस. रामदास के फैसले को “आकस्मिक और अप्रत्याशित” बताते हुए पीएमके के नेता जी. के. मणि ने कहा कि पार्टी को एकजुट होकर अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की तत्काल आवश्यकता है।
मणि ने कहा, “मैं करीब 45 साल से अय्या (डॉ. एस रामदास) के साथ हूं। उनकी घोषणा आकस्मिक और अप्रत्याशित थी। मैं चाहता हूं कि अय्या और चिन्ना अय्या (अंबुमणि) दोनों आपसी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लें और 2026 के विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ें।”
उल्लेखनीय है कि 10 अप्रैल को पीएमके के संस्थापक एस. रामदास ने पार्टी की पूरी बागडोर अपने हाथ में लेने की घोषणा की थी और पार्टी के अध्यक्ष अपने बेटे अंबुमणि को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था।
उन्होंने कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी में फेरबदल किया जाना चाहिए।
पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि ने घोषणा पर नाराजगी जताई है क्योंकि वह अध्यक्ष के रूप में पार्टी में बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “संस्थापक द्वारा पार्टी का नियंत्रण पूरी तरह अपने हाथ में लेने के बाद, अंबुमणि के पास स्वतंत्र भूमिका निभाने के लिए शायद कोई विकल्प न हो।”
साथ ही, उन्होंने दावा किया कि पार्टी के कुछ कार्यकर्ता और रामदास के परिवार के सदस्य चाहते हैं कि अंबुमणि को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए।
भाषा जोहेब प्रशांत
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