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Sunday, 12 January, 2025
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सामाजिक से लेकर आर्थिक क्षेत्रों में देश परिवर्तन के दौर से गुज़र रहा है: नरेंद्र मोदी

इकोनॉमिक टाइम्स के ग्लोबल बिज़नेस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत उन प्रमुख देशों में शामिल है जहां कोर्पोरेट टैक्स सबसे कम है और विदेशी निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इकोनॉमिक टाइम्स के ग्लोबल बिज़नेस सम्मेलन में कहा कि इकोनॉमिक हो या सोशल, आज देश परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है. बीते कुछ वर्षों में भारत वैश्विक आर्थिक व्यवस्था का भी मजबूत अंग बना है. उन्होंने वर्तमान में पूरी दुनिया के लिए कोरोनावायरस को एक बड़ी चुनौती बताया.

मोदी ने कहा कि सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए ‘कोलेबोरेट टू क्रिएट’ का विजन, आज की आवश्यकता भी है और भविष्य का आधार भी. ये विज़न अचानक बीते कुछ वर्षों के विचारों से निकलकर आया हो, ऐसा भी नहीं है.

मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना के जरिए हमने बैंकिंग व्यवस्था को बदला है. नए लोगों को रोज़गार के लिए हमने रुपया मुहैया कराया. उन्होंने कहा कि हम कई दशकों से सीडीएस की नियुक्ति की बात सुनते आ रहे थे. हमने ये काम कर के दिखाया.

मोदी ने कहा कि कुछ वर्ष पहले आए दिन रेलवे क्रासिंग पर हादसों की खबर आती थी क्योंकि 2014 से पहले देश में ब्रॉडगेज लाइन पर करीब 9 हजार मानव रहित रेलवे क्रासिंग थी. 2014 के बाद हमने अभियान चलाकर ब्रॉडगेज लाइन को मानव रहित क्रासिंग से पूरी तरह मुक्त कर दिया.

उन्होंने कहा कि हमने रेलवे क्षेत्र में एक नए काम की शुरुआत की है. पहली बार ट्रेन देर होने पर पैसा वापसी की शुरुआत हुई है. तेजस एक्सप्रेस से हमने इसकी शुरुआत की है.


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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पांच ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचे इसके लिए हमारी सरकार काम कर रही है. हम लेबर सुधारों की दिशा में भी लगातार काम कर रहे हैं.

मोदी ने कहा कि भारत उन प्रमुख देशों में शामिल है जहां कोर्पोरेट टैक्स सबसे कम है. विदेशी निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि छह साल पहले हमारे एयरपोर्ट्स करीब 17 करोड़ यात्रियों को हैंडल करता था. अब 34 करोड़ से ज्यादा को हैंडल कर रहे हैं. छह वर्ष पहले हमारे मुख्य पोर्ट्स पर कार्गो हैंडलिंग 550 मिलियन टन के आसपास थी, अब ये बढ़कर 700 मिलियन टन के आसपास पहुंच गई है.

मोदी ने कहा कि हमारी सरकार देश को पुराने विचारों से निकालने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि डीबीटी के जरिए हमने हज़ारों करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से रोका. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बिना उन्होंने निशाना साधा कि ये कहना तो आसान है कि दिल्ली से एक रुपए जाता है तो वो नीचे पहुंचते-पहुंचते 15 पैसे बच जाता है. सिर्फ इतना कहने भर से काम नहीं चलेगा. हमने ये स्थिति बदलने की कोशिश की है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक खास दौर था जब एक खास राय ही सबकी राय मान ले जाती थी लेकिन आज के समय में सामान्य जनता भी अपने विचार को भी दुनिया के सामने रखती है.

मोदी ने कहा कि जब 2014 में हमने सरकार बनाई तब मूलभूत समस्याओं के लिए देश तरस रहा था. हमारे पास ये सुविधा थी कि पहले के रास्ते पर चले. हमने सोच-विचार कर नया मार्ग चुना जिसमें लोगों की आकांक्षाओं को हमने बल दिया. देश में दोबारा जब चुनाव हुआ तो हमारे कामों पर मुहर भी लगी.


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मोदी ने कहा कि जो लोग लैंगिक समानता पर बात करते हैं वो तीन तलाक पर कानून बनाने के हमारे फैसले पर सवाल उठाते हैं. जो लोग शणार्थियों की बात करते हैं वो सीएए पर सवाल करते हैं. जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं वो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाकर संविधान को लागू करने पर सवाल करते हैं. ये लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी सवाल खड़े कर देते हैं.

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