नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सोमवार को क्षेत्र में उभरती सुरक्षा स्थिति और परस्पर एवं द्विपक्षीय हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में एक दूसरे को ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं भी दीं.
गनी ने अफगानिस्तान की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सही समय पर खाद्य एवं चिकित्सीय सहायता की आपूर्ति करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया.
बयान के अनुसार मोदी ने शांतिपूर्ण, समृद्ध और समावेशी अफगानिस्तान की आकांक्षा कर रहे अफगान लोगों के प्रति भारत की कटिबद्धता दोहराई.
बयान में कहा गया, ‘दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में उभरती सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ आपसी द्विपक्षीय हितों वाले अन्य क्षेत्रों पर भी विचार-विमर्श किया.’
दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब पूर्वी अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत की एक जेल पर आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट का हमला सोमवार को भी जारी रहा.
अफगानिस्तान के सुरक्षाबलों ने आईएस के कब्जे से छुड़ायी जेल, 29 की मौत
पूर्वी अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में सोमवार को इस्लामिक स्टेट (आईएस) के साथ घंटों तक चली मुठभेड़ के बाद सेना ने एक जेल को अपने नियंत्रण में ले लिया . इस्लामिक स्टेट के हमले में अब तक 29 लोग मारे जा चुके हैं . अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
समझा जाता है कि इस जेल में आईएस के सैंकड़ों कैदी हैं. इस हमले से अफगानिस्तान के समक्ष आने वाले चुनौतियों का संकेत मिलता है. अमेरिका द्वारा तालिबान के साथ शांति संधि करने के बाद अमेरिका और नाटो के सैनिक वापस जाने लगे हैं.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फवाद अमान ने बताया कि यहां से करीब 115 किलोमीटर दूर जलालाबाद में सुरक्षाबलों ने सोमवार को इस जेल को कब्जे में ले लिया. हमले में कम से कम 50 घायल भी हुए.
जेल को सुरक्षाबलों द्वारा अपने नियंत्रण में ले लेने के बाद भी आसपास की इमारतों से रूक रूक कर गोलीबारी जारी है. इसी स्थान पर गवर्नर का कार्यालय भी है.
सुरक्षाबलों को जेल के अंदर तालिबान के दो कैदियों के शव मिले . शायद इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने उन्हें मार डाला था. यह पूर्वी अफगानिस्तान में दोनों आतंकवादी संगठनों के बीच तनाव का संकेत है.
नंगरहार प्रांत के गर्वनर के प्रवक्ता अताउल्ला खोग्यानी ने बताया कि मारे गये लोगों में आम नागरिक, कैदी, गार्ड और अफगान सुरक्षाबलों के कर्मी शामिल हैं.
आईएस ने जेल पर किया हमला
रविवार को तब हमला शुरू हुआ था जब इस्लामिक स्टेट के एक आत्मघाती बम हमलावर विस्फोटक से लदा एक वाहन लेकर जेल के गेट पर पहुंचा और उसे धमाका कर दिया. इसी बीच इस्लामिक स्टेट के दूसरे आतंकवादी गोलियां चलाने लगे और अंदर घुस गये.
हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह से संबद्ध एक संगठन ने ली है जिसे खुरासान प्रांत में आईएस के नाम से जाना जाता है. इस आतंकवादी संगठन का मुख्यालय नंगरहार प्रांत में है.
जेल पर हमले का कोई कारण अभी साफ नहीं है. हालांकि वहां बंद 1,500 कैदियों में से इस मौके का फायदा उठाकर कुछ भाग गये.
खोग्यानी ने बताया कि पहले करीब 1000 कैदी भाग गये थे लेकिन सुरक्षाबल उन्हें शहर में ढूंढ कर वापस ले आये थे. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अब भी कोई कैदी फरार है या नहीं.
समझा जाता है कि जलालाबाद में सैंकड़ों कैदी इस्लामिक स्टेट के सदस्य हैं.
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले ही अधिकारियों ने बताया था कि अफगान विशेष बलों ने जलालाबाद के निकट आईएस के एक शीर्ष आतंकी कमांडर को मार गिराया है.
आईएस के आतंकवादियों का तालिबान के साथ संघर्ष चल रहा है.
तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने ‘एपी’ को बताया कि जलालाबाद जेल हमले में उनका समूह शामिल नहीं है. अमेरिका ने तालिबान के साथ फरवरी में शांति समझौता किया था.
उन्होंने कहा, ‘ हमारा संघर्ष विराम चल रहा है और देश में कहीं भी इस तरह के हमले में हम शामिल नहीं हैं.’
तालिबान ने ईद के मद्देनजर शुक्रवार से तीन दिन के संघर्ष विराम का ऐलान किया था.