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Friday, 8 November, 2024
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इकोनॉमी पर PM मोदी ने की ‘मन की बात’, कहा- कृषि ने कोरोना से खुद को बचा के रखा, हुआ रिकॉर्ड उत्पादन

हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर व्यवस्था पर पड़ा. कृषि व्यवस्था ने खुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा.

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी स्टोरीज शेयर कीं. पीएम हर महीने देश के लोगों से रेडियों के जरिए ‘मन की बात’ करते हैं.

आज के मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, ‘देश पूरी ताकत के साथ कोविड 19 से लड़ रहा है, पिछले 100 वर्षों में ये सबसे बड़ी महामारी है. इसी महामारी के बीच भारत ने अनेक प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है. इस दौरान चक्रवात अम्फान, निसर्ग, अनेक राज्यों में बाढ़ आई, अनेक भूकंप आए, भूस्खलन हुए.

उन्होंने संवेदना व्यक्त करते हुए आगे कहा कि ‘मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है. हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं जिन्होंने इस आपदा का नुकसान झेला है.’

इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश में आए चक्रवाती तूफान यास और ताऊते का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा, ‘देश ने पिछले 10 दिन में दो बड़े चक्रवात ताऊते और यास का सामना किया. इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया है. देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सु​निश्चित की.’

कोरोना की टेस्टिंग को लेकर उन्होंने कहा कि कोरोना की शुरुआत में देश में केवल एक ही टेस्टिंग लैब थी लेकिन आज 2,500 से ज़्यादा लैब काम कर रही हैं. शुरू में कुछ सौ टेस्ट एक दिन में हो पाते थे, अब 20 लाख से ज़्यादा टेस्ट एक दिन में होने लगे हैं. अब तक देश में 33 करोड़ से ज़्यादा सैंपल की जांच की जा चुकी है.

देश की गिरती अर्थव्यवस्था पर लग रहे आरोपों के बारे में भी पीएम मोदी ने मन की बात की. उन्होंने कहा, ‘हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर व्यवस्था पर पड़ा. कृषि व्यवस्था ने खुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा. सुरक्षित ही नहीं रखा, ब​ल्कि प्रगति भी की. इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया है और देश ने रिकॉर्ड फसल की खरीद भी की.’

उन्होंने कहा, ‘आप सोचिए, हमारे देश में इतना बड़ा संकट आया, इसका ऐसे देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा. कृषि व्यवस्था ने खुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा. सुरक्षित ही नहीं रख, बल्कि प्रगति भी की, आगे भी बढ़ी.’


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