scorecardresearch
शुक्रवार, 6 जून, 2025
होमदेशप्रधानमंत्री मोदी के कनाडा में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना नहीं

प्रधानमंत्री मोदी के कनाडा में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना नहीं

Text Size:

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) छह साल में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में आयोजित होने वाले आगामी जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना नहीं है। मामले से परिचित लोगों ने सोमवार को यह बात कही।

कनाडा 15 से 17 जून तक शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जिसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति सहित विश्व के सामने मौजूद चुनौतियों पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।

संबंधित सूत्रों के अनुसार, यह पता चला है कि ओटावा द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री को शिखर सम्मेलन के लिए अभी तक निमंत्रण नहीं भेजा गया है, फिर भी मोदी किसी भी तरह से इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि दोनों पक्षों के बीच संबंधों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस यात्रा के लिए काफी जमीनी तैयारी की आवश्यकता होगी।

भारत-कनाडा संबंधों में उस समय बहुत गिरावट आ गई थी जब 2023 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया।

हालांकि, अप्रैल में संसदीय चुनाव में लिबरल पार्टी के नेता मार्क कार्नी की जीत ने संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की उम्मीद जगा दी है।

नयी दिल्ली में यह आकलन किया गया है कि कनाडा की नयी सरकार की ओर से वहां खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है।

इसके अलावा, नयी दिल्ली और कनाडा द्वारा एक-दूसरे के उच्चायुक्तों को बहाल करने के लिए कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं की गई है।

पिछले वर्ष अक्टूबर में भारत ने अपने उच्चायुक्त तथा पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था, क्योंकि ओटावा ने उन्हें निज्जर मामले से जोड़ने का प्रयास किया था।

भारत ने भी इतनी ही संख्या में कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।

सूत्रों में से एक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के दौरे के लिए, द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति को देखते हुए हमें काफी जमीनी कार्य करने की जरूरत होगी।’’

भारत-कनाडा संबंधों से परिचित एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है।

पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने संपर्क पुनः शुरू किया है तथा दोनों पक्ष नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना पर विचार कर रहे हैं।

ट्रूडो के इस्तीफे को द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के अवसर के रूप में देखा गया।

भारत ने ट्रूडो सरकार पर कनाडा की धरती से खालिस्तान समर्थक तत्वों को गतिविधियां चलाने की अनुमति देने का आरोप लगाया था।

पिछले साल जून में मोदी ने इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्रों में भाग लिया था। यह पांचवीं बार था जब उन्होंने वार्षिक जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया था।

वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के लिए हिरोशिमा गए थे, जबकि 2022 में उन्होंने दक्षिणी जर्मनी में श्लॉस एल्मौ के अल्पाइन कैसल में इस सम्मेलन में भागीदारी की थी।

जी7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। कनाडा वर्तमान में जी7 की अध्यक्षता कर रहा है और उसी हैसियत से शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments