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Sunday, 3 November, 2024
होमदेशमोदी और UN ने शुरू किया मिशन लाइफ, कहा- लाइफस्टाइल में बदलाव करके बचा सकते हैं पर्यावरण

मोदी और UN ने शुरू किया मिशन लाइफ, कहा- लाइफस्टाइल में बदलाव करके बचा सकते हैं पर्यावरण

मिशन लाइफ कहता है ‘Life for Environment’, अपने लाइफ स्टाइल में थोड़ा बदलाव करके पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है.

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नई दिल्ली: मिशन लाइफ लॉन्च के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने देश को P3 (प्रो-प्लेनेट पीपल) का नया मंत्र दिया. अपने सम्बोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए कहा, ‘आज भारत प्रगति और प्रकृति भी’ का एक उत्तम उदाहरण बन रहा है.

अपने इस सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने ग्लेशियर पिघलने से लेकर नदियों के सूखने तक की समस्याओ पर बात की.

मिशन लाइफ कहता है ‘Life for Environment’, अपने लाइफ स्टाइल में थोड़ा बदलाव करके पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बृहस्पतिवार को मिशन लाइफ की शुरुआत की. यह एक वैश्विक कार्ययोजना है जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी असर से ग्रह को बचाना है.

इस मिशन को ऐसे समय शुरू किया गया है जब संयुक्त राष्ट्र अगले महीने जलवायु के मुद्दे पर विशाल बैठक का आयोजन कर रहा है.

‘मिशन लाइफ’ में जीवनशैली में बदलाव के लिए अनेक सुझाव हैं जिन्हें जलवायु अनुकूल व्यवहार के तौर अपनाया जा सकता है. मोदी और गुतारेस ने संयुक्त रूप से मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) को इसके लोगो और ‘टैग लाइन’ (आदर्श वाक्य) के साथ लांच किया.

मोदी ने इस मौके पर कहा कि मिशन लाइफ लोगों के अनुकूल ग्रह के विचार को मजबूत करेगा. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य स्थायी आदर्श पर्यावरण के लिए लोगों के रुख को तीन रणनीतियों की ओर मोड़ना है जिनमें लोगों द्वारा अपनी दिनचर्या में सामान्य लेकिन प्रभावी पर्यावरण अनुकूल आचरण (मांग) का पालन करना, उद्योगों और बाजार को बदलती मांग (आपूर्ति) के तहत बदलाव करने में सक्षम बनाना और सरकार एवं औद्योगिक नीतियों को प्रभावित करना ताकि वे स्थायी उपभोग एवं उत्पादन (नीति) का समर्थन करें.

वहीं, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कुछ हफ्तों में विश्व नेता सीओपी-27 की बैठक के लिए मिस्र में एकत्रित होंगे, जो पेरिस जलवायु संधि के सभी पहलुओं पर कार्रवाई के लिए दोबारा भरोसा जताने के लिए अहम राजनीतिक अवसर होगा.

उन्होंने कहा कि अत्याधिक उपभोग के कारण पृथ्वी के लिए जलवायु आपात, जैव विविधता क्षति और प्रदूषण में तीन गुना वृद्धि हुई है.


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