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Friday, 8 November, 2024
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वाराणसी में मोदी ने किसानों को साधा, बोले- MSP को लेकर किया गया छल, कृषि कानूनों पर फैलाया जा रहा भ्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग-19 के हंडिया (प्रयागराज) - राजातालाब (वाराणसी) खंड की 6 लेन चौड़ीकरण परियोजना का उद्घाटन पर ये बातें कही.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जमकर किसानों को साधा. कृषि कानूनों में ताजा प्रावधानों को किसानों के हित में बताया है पुरानी व्यवस्था को कहा वह जस की तस है नई व्यवस्था जोड़ी गई है. उन्होंने कहा कि एमएसपी को लेकर अब तक किसानों के साथ छल किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग-19 के हंडिया (प्रयागराज) – राजातालाब (वाराणसी) खंड की 6 लेन चौड़ीकरण परियोजना का उद्घाटन पर ये बातें कही.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब किसी क्षेत्र में आधुनिक कनेक्टिविटी का विस्तार होता है, तो इसका बहुत लाभ हमारे किसानों को होता है. बीते वर्षों में ये प्रयास हुआ है कि गांवों में आधुनिक सड़कों के साथ भंडारण, कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्थाएं खड़ी की जाएं. इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपए का फंड भी बनाया गया है.

मोदी ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसान रेल शुरु की गई है. इन प्रयासों से किसानों को नए बाजार मिल रहे हैं, बड़े शहरों तक उनकी पहुंच बढ़ रही है. उनकी आय पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.

वाराणसी में पेरिशेबल कार्गो सेंटर बनने के कारण अब यहां के किसानों को फल और सब्जियों को स्टोर करके रखने और उन्हें आसानी से बेचने की बहुत बड़ी सुविधा मिली है. इस स्टोरेज कैपेसिटी के कारण पहली बार यहां के किसानों की उपज बड़ी मात्रा में निर्यात हो रही है.

उन्होंने कहा कि आज बनारस का लंगड़ा और दशहरी आम लंदन और मिडिल ईस्ट में अपनी खुशबू बिखेर रहा है. अब बनारस के आम की मांग विदेशों में भी निरंतर बढ़ रही है.

पीएम ने कहा कि सरकार के प्रयासों औऱ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से किसानों को कितना लाभ हो रहा है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण चंदौली का काला चावल-ब्लैक राइस है. ये चावल चंदौली के किसानों के घरों में समृद्धि लेकर आ रहा है. सामान्य चावल जहां 35-40 रुपए किलो के हिसाब से बिकता है, वहीं ये बेहतरीन चावल 300 रुपए तक बिक रहा है. बड़ी बात ये भी है कि ब्लैक राइस को विदेशी बाज़ार भी मिल गया है. पहली बार ऑस्ट्रेलिया को ये चावल निर्यात हुआ है, वो भी करीब साढ़े 800 रुपए किलो के हिसाब से.

बीमा योजना की बात करते हुए पीएम ने कहा कि बीते सालों में फसल बीमा हो या सिंचाई, बीज हो या बाजार, हर स्तर पर काम किया गया है. पीएम फसल बीमा योजना से देश के करीब 4 करोड़ किसान परिवारों की मदद हुई है. पीएम कृषि सिंचाई योजना से 47 लाख हेक्टेयर जमीन माइक्रो इरिगेशन के दायरे में आ चुकी है.

पीएम ने कहा अगर किसान को ऐसा कोई खरीददार मिल जाए, जो सीधा खेत से फसल उठाए और बेहतर दाम दे, तो क्या किसान को उसकी उपज बेचने की आजादी मिलनी चाहिए या नहीं?

भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं. क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच नहीं होनी चाहिए? अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेन-देन ही ठीक समझता है तो, उस पर भी कहां रोक लगाई गई है?

पहले मंडी के बाहर हुए लेन-देन ही गैरकानूनी थे. ऐसे में छोटे किसानों के साथ धोखा होता था, विवाद होता था. अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है. किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है.

सरकारें नीतियां बनाती हैं, कानून-कायदे बनाती हैं. नीतियों और कानूनों को समर्थन भी मिलता है तो कुछ सवाल भी स्वभाविक ही है. ये लोकतंत्र का हिस्सा है और भारत में ये जीवंत परंपरा रही है.

सरकारें नीतियां बनाती हैं, कानून-कायदे बनाती हैं. नीतियों और कानूनों को समर्थन भी मिलता है तो कुछ सवाल भी स्वभाविक ही है. ये लोकतंत्र का हिस्सा है और भारत में ये जीवंत परंपरा रही है.

पहले होता ये था कि सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था. लेकिन बीते कुछ समय से हम देख रहे हैं कि अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि भ्रम फैलाकर आशंकाओं को बनाया जा रहा है.

अपप्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन इससे आगे चलकर ऐसा हो सकता है. जो अभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है. ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है.

मोदी ने कहा कि पहले MSP तो घोषित होता था लेकिन MSP पर खरीद बहुत कम की जाती थी. सालों तक MSP को लेकर छल किया  गया. किसानों के नाम पर बड़े-बड़े कर्जमाफी के पैकेज घोषित किए जाते थे. लेकिन छोटे और सीमांत किसानों तक ये पहुंचते ही नहीं थे.

किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थीं. लेकिन वो खुद मानते थे कि 1 रुपए में से सिर्फ 15 पैसे ही किसान तक पहुंचते थे.

हमने वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुकूल लागत का डेढ़ गुना MSP देंगे। ये वादा सिर्फ कागज़ों पर ही पूरा नहीं किया गया, बल्कि किसानों के बैंक खाते तक पहुंचाया है.

उन्होंने कहा कि सिर्फ दाल की ही बात करें तो 2014 से पहले के 5 सालों में लगभग साढ़े 600 करोड़ रुपए की ही दाल किसान से खरीदी गईं. लेकिन इसके बाद के 5 सालों में हमने लगभग 49,000 करोड़ रुपए की दालें खरीदी हैं यानि लगभग 75 गुना बढ़ोतरी.

2014 से पहले के 5 सालों में पहले की सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपए का धान खरीदा था. लेकिन इसके बाद के 5 सालों में 5 लाख करोड़ रुपए धान के MSP के रूप में किसानों तक हमने पहुंचाए हैं. यानि लगभग ढाई गुना ज्यादा पैसा किसान के पास पहुंचा है.

पीएम ने सवाल किया कि अब आप ही बताइए कि अगर मंडियों और MSP को ही हटाना था, तो इनको ताकत देने के लिए, इन पर इतना निवेश ही क्यों करते? हमारी सरकार तो मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है.

एक राज्य में तो वहां की सरकार, अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते आज भी किसानों को इस योजना का लाभ नहीं लेने दे रही है. देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधी मदद दी जा रही है. अब तक लगभग 1 लाख करोड़ रुपए किसानों तक पहुंच भी चुका है.

आपको याद रखना है, यही लोग हैं जो पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर ये लोग सवाल उठाते थे. ये अफवाह फैलाते थे कि ये मोदी है इसलिए ये चुनाव को देखते हुए 2 हजार रूपये दिया जा रहा है और चुनाव के बाद इस पैसे को ब्याज सहित वापस देना पड़ेगा.

इससे पहले पीएम ने हाईवे को लेकर कहा कि इस हाइवे के चौड़ा होने से काशी और प्रयागराज के बीच आना जाना और आसान हो गया है. कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों और इस क्षेत्र के लोगों को होने वाली परेशानियां समाप्त हो जाएंगी. इसका लाभ कुंभ के दौरान भी मिलेगा.

पीएम ने कहा कि 3-4 साल पहले यूपी में सिर्फ दो बड़े एयरपोर्ट प्रभावी रूप से काम कर रहे थे. आज करीब एक दर्जन एयरपोर्ट यूपी में सेवा के लिए तैयार हो रहे हैं. वाराणसी के एयरपोर्ट के विस्तार का काम चल रहा है.

एक्सप्रेस वे को लेकर उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति क्या थी, ये आप भली-भांति जानते हैं. आज उत्तर प्रदेश की पहचान एक्सप्रेस प्रदेश के रूप में हो रही है.

प्रधानमंत्री ने किया हंडिया-राजा तालाब खंड के छह-लेन चौड़ीकरण कार्य का लोकार्पण

इससे पहले अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के एकदिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हंडिया-राजा तालाब खंड के छह—लेन चौड़ीकरण कार्य का लोकार्पण किया.

कोविड—19 महामारी के बीच पहली बार काशी आये प्रधानमंत्री ने खजूरी गांव में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-दो के हंडिया-राजा तालाब खंड का छह-लेन चौड़ीकरण कार्य राष्ट्र को समर्पित किया.

गौरतलब है कि हंडिया-राजा तालाब मार्ग का चौड़ीकरण एक बेहद महत्वपूर्ण परियोजना है, जो दो प्राचीनतम एवं पवित्र नगरों-प्रयाग (प्रयागराज) तथा काशी (वाराणसी) को आपस में जोड़ती है. यह राजमार्ग स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना-एक (दिल्ली-कोलकाता गलियारे) का भी प्रमुख भाग है.

पूर्व में, प्रयागराज से वाराणसी के बीच यात्रा में लगभग साढ़े तीन घंटे का समय लगता था. इस परियोजना के कारण यह दूरी मात्र डेढ़ घंटे में पूरी की जा सकेगी.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गत दो नवम्बर को पूरी हुई कुल 72.644 किलोमीटर की इस परियोजना की लागत 2,447 करोड़ रुपए है.

प्रधानमंत्री ने इससे पहले, इसी माह डिजिटल माध्यम से वाराणसी की 614 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया था.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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