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Friday, 3 May, 2024
होमदेशSCO समिट में पीएम मोदी ने कहा, 'भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं'

SCO समिट में पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं’

गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प के कारण भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद शी और मोदी पहली बार आमने-सामने आए है.

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नई दिल्ली: शुक्रवार को उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई.

पीएम मोदी ने कहा, ‘इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. मुझे खुशी है कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. ‘

जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत एससीओ के अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में आयोजित संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में शुक्रवार को हिस्सा लिया.

उन्होंने शिखर सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए कहा कि दुनिया कोविड-19 महामारी पर काबू पा रही है. कोविड और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कई रूकावटें सामने आईं. उन्होंने एससीओ में कहा, ‘हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहते हैं.’

पीएम मोदी ने सम्मेलन में जन-केंद्रित विकास मॉडल पर जोर दिया. उन्होंने इस दौर हर क्षेत्र में इनोवेशन को समर्थन देने की बात कही. पीएम ने जानकारी साझा करते हुए एक कहा, ‘आज हमारे देश में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं.’

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प्रधानमंत्री ने एससीओ में शामिल सहयोगी देशों को भरोसा दिलाते हुए कहा, ‘हम स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अप्रैल 2022 में गुजरात में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया गया. यह पारंपरिक चिकित्सा के लिए ये WHO का पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र होगा. एससीओ देशों के बीच पारंपरिक औषधि पर सहयोग बढ़ाना चाहिए. इसके लिए भारत पारंपरिक औषधि पर नए एससीओ वर्किंग ग्रुप पर पहल करेगा.’

उधर, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अगले साल शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत को बधाई दी है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा ‘हम अगले साल भारत के राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन करेंगे.’


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सीमा पर गतिरोध के शी और मोदी पहली बार आमने-सामने

गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प के कारण भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद शी और मोदी पहली बार आमने-सामने आए है.

इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं.

शिखर सम्मेलन के सीमित प्रारूप के दौरान विचार-विमर्श से पहले, समूह के स्थायी सदस्यों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई.

शिखर सम्मेलन के परिसर पर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया.

शिखर सम्मेलन के बाद मोदी के कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी करने का कार्यक्रम है. वह पुतिन, मिर्जियोयेव और रईसी से मुलाकात करेंगे.

मोदी करीब 24 घंटे के दौरे पर गुरुवार की रात यहां पहुंचे थे.

मोदी ने समरकंद रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर कहा, ‘मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और परस्पर लाभकारी सहयोग को और गहरा करने को लेकर उत्सुक हूं.’

उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान की अध्यक्षता में व्यापार, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए कई फैसले लिए जाने की उम्मीद है.

कोविड-19 के कारण दो साल बाद एससीओ का ऐसा शिखर सम्मेलन हो रहा है, जिसमें नेता व्यक्तिगत रूप से मौजूद हैं.

समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन दो सत्र में होगा। एक सीमित सत्र होगा, जो केवल एससीओ के सदस्य देशों के लिए है और इसके बाद एक विस्तारित सत्र होगा, जिसमें पर्यवेक्षक देश और अध्यक्ष देश की ओर से विशेष रूप से आमंत्रित देशों के नेताओं की भागीदारी की संभावना है.

एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे.

एससीओ सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है. समरकंद शिखर सम्मेलन में ईरान को एससीओ के स्थायी सदस्य का दर्जा दिए जाने की संभावना है.

भाषा के इनपुट के साथ 


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