नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध काफी गंभीर मामला है और विपक्ष को इस मामले को लेकर विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए.
बुधवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन पर अपनी पहली टिप्पणी में, प्रधानमंत्री मोदी ने घटना की विस्तृत जांच का आह्वान किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि सुरक्षा उल्लंघन दर्दनाक और चिंता का विषय है, लेकिन उन्होंने इस पर सदन में बहस की विपक्षी दलों की मांग का प्रतिवाद किया.
मोदी ने हिंदी समाचार पत्र ‘दैनिक जागरण’ से साक्षात्कार के दौरान कहा कि जांच एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही है और कड़े कदम उठा रही हैं. उन्होंने कहा कि इस हमले में शामिल लोगों और उनके मकसद की गहराई तक पहुंचना भी उतना ही जरूरी है.
समाचार पत्र के अनुसार, मोदी ने सुरक्षा में सेंध की इस घटना को ‘पीड़ादायक और चिंताजनक’ बताया.
उन्होंने कहा, “सभी को एकसाथ समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए. ऐसे मुद्दे पर वाद-विवाद या प्रतिरोध से सभी को बचना चाहिए.”
उन्होंने आगे कहा, “इस घटना की गंभीरता को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए. (लोकसभा) अध्यक्ष सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं. जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं. यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि इसके पीछे कौन से तत्व हैं और उनके उद्देश्य क्या हैं.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में जो घटना हुई उसकी गंभीरता को जरा भी कम नहीं आंकना चाहिए.
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष इस मामले को लेकर पूरी गंभीरता के साथ आवश्यक कदम उठा रहे हैं.
13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के अंदर कूद गए थे, और सदन के अंदर धुएं के कनस्तर का उपयोग कर अंदर पीले रंग का धुआं छोड़ दिया था.
विपक्षी दल गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले पर बयान देने की मांग कर रहे हैं, कुछ नेताओं ने शाह के इस्तीफे की भी मांग की है.
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