नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल और बाकी विपक्षी नेताओं से लोकसभा स्पीकर के चैंबर में संसद बजट सत्र के समापन पर मिले.
स्पीकर ओम बिरला, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी में इस दौरान बैठक मौजूद रहे.
ओम बिरला ने ट्वीट किया, ‘लोकसभा के स्थगन के बाद हमने सभी पार्टी के नेताओं से सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए एकजुट प्रयास और बातचीत के स्तर को बनाए रखने को जरूरी बताया. उम्मीद करता हूं कि सभी दल सक्रिय तौर पर सहयोग करेंगे.’
लोकसभा और राज्यसभा शेड्यूल से एक दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया, बजट सत्र 2022 की को चिह्नित करते हुए, जिसके दौरान दोनों सदनों ने राष्ट्रीय राजधानी में नगर निगमों को एकजुट करने के लिए विधेयक सहित प्रमुख कानून पारित किए.
बजट सत्र का दूसरा भाग 14 मार्च को शुरू हुआ था, जबकि बैठकें 8 अप्रैल को समाप्त होनी थीं.
संसद में सत्र के दूसरे हिस्से में आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) बिल, 2022, दिल्ली म्यूनिसिपल कार्पोरेशन (संशोधन) बिल, 2022 जैसे अन्य अहम बिल पास हुए.
सत्र के अंतिम दिन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के प्रत्येक सदस्य की भागीदारी को स्वीकार किया और कहा कि चालू सत्र ‘सभी के समर्थन से अच्छा चल रहा है.’
बिड़ला ने कहा, ‘इस सत्र में, सभी की भागीदारी के साथ प्रोडक्टिविटी 129 प्रतिशत रही है … 8वें सत्र तक प्रोडक्टिविटी 106 प्रतिशत रही है. पिछले अनुभवों की तुलना में, सभी के समर्थन से चल रहा सत्र अच्छा रहा.’
उम्मीद है कि 2023 तक सभी विधान मंडल (विधानमंडल से संबंधित) कार्यवाही एक मंच पर लाई जाएगी, बिड़ला ने कहा कि जानकारी मेटा-डेटा के आधार पर उपलब्ध होगी, जिस पर काम जारी है.
इस बीच, केवल 10 मिनट में 100 प्रतिशत प्रोडक्टिविटी का लैंडमार्क गंवाया गया, राज्यसभा में बृहस्पतिवार को समाप्त हुए बजट सत्र के दौरान 99.80 प्रतिशत कार्यवाही हुई, जो मानसून सत्र (243वां सत्र) 2017 के बाद से पिछले 14 सत्रों के दौरान तीसरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सत्र का रिकॉर्ड स्थापित करता है.
राज्यसभा के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उच्च सदन में 37.50 प्रतिशत काम से जुड़े समय बहस हुई, 23 प्रतिशत विधेयकों पर समय खर्च किया, जबकि उनमें से 11 को पारित करने के अलावा, एक की शुरुआत की गई.
‘127 घंटे 54 मिनट के निर्धारित बैठक के समय के मुकाबले, सदन ने 127 घंटे 44 मिनट के लिए कार्य किया. सदन की उत्पादकता 100 प्रतिशत रही, लेकिन इन 10 मिनटों के नुकसान के साथ. जबकि 9 घंटे 26 मिनट का कार्यात्मक समय व्यवधानों और जबरन स्थगन के कारण नुकसान हुआ, सदन को 9 घंटे 16 मिनट का समय मिला और सदस्यों ने निर्धारित घंटों से अधिक समय तक बैठक की.’