मैसुरु: प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मंगलवार को देश व दुनिया के लोगों को बधाई दी और कहा कि भारतीय सभ्यता व संस्कृति की अद्भुत धरोहर योग आज दुनिया के लोगों के लिए जीवन का हिस्सा ही नहीं है बल्कि अब वह जीवन जीने की पद्धति बन रहा है.
योग दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि योग आज ना सिर्फ विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रहा है, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए एक वैश्विक पर्व बन गया है.
पीएम ने यह भी कहा, ‘इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है, #YogaForHumanity. मैं इस थीम के जरिए योग के इस संदेश को पूरी मानवता तक पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र का और सभी देशों का हृदय से धन्यवाद करता हूं.’
उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक योग घरों और आध्यात्मिक केंद्रों तक में सीमित था लेकिन अब यह विश्व के कोने-कोने तक पहुंच गया है.
मोदी ने कहा, ‘भारत के आध्यात्मिक केन्द्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया, आज वह योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है. आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है. आज योग मानव मात्र को निरोग जीवन का विश्वास दे रहा है.’
कोरोना महामारी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि द्वीप, महाद्वीप की सीमाओं के ऊपर योग दिवस का उत्साह अब एक वैश्विक पर्व बन गया है.
उन्होंने कहा कि योग किसी व्यक्ति के लिए नहीं संपूर्ण मानवता के लिए है.
उन्होंने कहा, ‘योग हमारे लिए केवल जीवन का हिस्सा नहीं बल्कि जीवन जीने की पद्धति बन रहा है. हम कितने तनावपूर्ण माहौल में क्यों न हों, कुछ मिनट का ध्यान हमें शांत कर देता है, हमारी उत्पादकता को बढ़ा देता है.’
मोदी ने आगे कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हमने इस बार ‘Guardian Ring of Yoga’ का ऐसा ही अभिनव प्रयोग विश्व भर में हो रहा है दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्योदय के साथ, सूर्य की गति के साथ, लोग योग कर रहे हैं.’
मैसूर पैलेस से देश दुनिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘योग हमारे लिए शांति लाता है.योग से शांति केवल व्यक्तियों के लिए नहीं है. योग हमारे समाज में शांति लाता है.योग हमारे राष्ट्रों और विश्व में शांति लाता है.और, योग हमारे ब्रह्मांड में शांति लाता है.’
योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में योग किया, उन्होंने कहा, ‘योग प्राचीन भारतीय विरासत का एक हिस्सा है. यह मानवता के लिए भारत का उपहार, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है. योग मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करता है.’
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