नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम में देशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दी.
उन्होंने कहा, दशहरे का ये पर्व, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है, साथ ही, ये संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है. आज आप सभी बहुत संयम के साथ जी रहे हैं, मर्यादा में रहकर पर्व त्योहार मना रहे हैं, इसलिए जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी सुनिश्चित है.
पहले,दुर्गा पंडाल में मां के दर्शनों के लिए इतनी भीड़ जुट जाती थी एकदम मेले जैसा माहौल रहता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया. पहले, दशहरे पर भी बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरुप भी अलग ही है.
पीएम ने कहा, रामलीला भी त्योहार उसका बहुत बड़ा आकर्षण था, लेकिन उसमें भी पाबंदियां लगी हैं. पहले नवरात्र पर, गुजरात के गरबा की गूंज हर तरफ़ छाई रहती थी इस बार बड़े-बड़े आयोजन सब बंद हैं.
कोरोना के इस संकट काल में हमें संयम से ही काम लेना है मर्यादा में ही रहना है. त्योहारों के इस हर्षोल्लास के बीच में लॉकडाउन के समय को भी याद करना चाहिए.
कोरोना से बदले हालात के बीच पीएम ने देशवासियों को ‘वोकल फॉर लोकल’ की याद दिलाते हुए कहा, त्योहारों की ये उमंग और बाजार की चमक, एक-दूसरे से जुड़ी हुई है. लेकिन इस बार जब आप खरीदारी करने जायें तो ‘वोकल फॉर लोकल’ का अपना संकल्प अवश्य याद रखें.’ पीएम ने गुजारिश की कि बाजार से सामान खरीदते समय, हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है. आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे स्थानीय उत्पादों की फैन हो रही है.
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एक दीया वीरों के नाम
पीएम ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा, हमें घर में एक दीया भारत माता के वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है. मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूं कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ है.’
हमें अपने उन जाबाज़ सैनिकों को भी याद रखना है, जो, इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं.भारत-माता की सेवा और सुरक्षा कर रहें हैं. हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं.मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूँ जिनके बेटे-बेटियां आज सरहद पर हैं. हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी-न-किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है, अपने परिवार से दूर है – मैं, ह्रदय से उसका आभार प्रकट करता हूं.
पीएम ने कहा, देशवासियों कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती 31 अक्टूबर को हम सब, ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे. मन की बात में पहले भी हमने सरदार पटेल पर विस्तार से बात की है. बहुत कम लोग मिलेंगे जिनके व्यक्तित्व में एक साथ कई सारे तत्व मौजूद हों – वैचारिक गहराई, नैतिक साहस, राजनैतिक विलक्षणता, कृषि क्षेत्र का गहरा ज्ञान और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण भाव.
पीएम मोदी ने कहा,कृषि क्षेत्र से युवा भी जुड़ने लगे हैं. कृषि क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं. कृषि कानूनों से कंपनियों को अच्छा फायदा हो रहा है. नए कृषि कानूनों से कृषि क्षेत्र में नई संभवनाएं पैदा हो रही हैं.
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