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कोलकाता, 22 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने और सार्वजनिक जीवन में शुचिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाए गए विधायी कदमों का विरोध करने का शुक्रवार को आरोप लगाया।
मोदी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए इस सप्ताह संसद में पेश किए गए संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को 30 दिन या उससे अधिक समय तक जेल में रहने पर पद पर बने रहने से रोकने का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री ने प्रस्तावित कानून के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमने एक ऐसा कानून लाने का फैसला किया, जिसके तहत भ्रष्ट मुख्यमंत्री या यहां तक कि प्रधानमंत्री को भी, यदि वह 30 दिन जेल में बिताते हैं, तो उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है। लेकिन जब हम एक सख्त कानून लेकर आए, तो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस ने विरोध करना शुरू कर दिया। वे इसलिए नाराज हैं, क्योंकि उन्हें अपने पापों की सजा मिलने का डर है।’’
यह पूछते हुए कि क्या ऐसे नेताओं को, जो बेशर्मी से भ्रष्टाचार करके जनभावनाओं और संविधान की शुचिता को ताक पर रख रहे हैं, उनकी कुर्सी बरकरार रखने दी जाएगी, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं अपने संविधान और लोकतंत्र का ऐसा अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसलिए मैंने यह विधेयक लाने का फैसला किया।’’
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘‘यह शर्म की बात है कि एक मुख्यमंत्री जेल जाने के बाद भी वहीं से सरकार चला रहा था।’’
बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘‘टीएमसी के दो मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने के बाद भी अपने पद छोड़ने को तैयार नहीं थे।’’
वह शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और राशन वितरण घोटाले में गिरफ्तार ज्योति प्रिय मलिक का जिक्र कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो लोग भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार हैं, वे सरकार का हिस्सा कैसे हो सकते हैं और अपने पदों पर कैसे बने रह सकते हैं? मोदी ऐसा नहीं होने देगा।’’
अपनी सरकार के कदम का बचाव करते हुए मोदी ने कहा कि व्यवस्था में व्याप्त खामियों को दूर करने के लिए नया विधेयक आवश्यक था।
मोदी ने कहा, ‘‘स्थिति देखिए, आजकल कुछ लोग इतना नीचे गिर गए हैं कि वे जेल से सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘मौजूदा कानूनों के तहत, यदि कोई सरकारी कर्मचारी पकड़ा जाता है और 50 घंटे के भीतर बिना जमानत लिए जेल में बंद रहता है, तो उसे स्वतः ही अपने पद से निलंबित कर दिया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या मंत्री के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इस खामी ने कुछ नेताओं को इतना निचले स्तर तक गिरा दिया है कि वे सलाखों के पीछे से शासन करने की कोशिश करते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के रिकॉर्ड पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों से देश भ्रष्टाचार के खिलाफ दृढ़ लड़ाई लड़ रहा है और इस संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम लोकसभा में भ्रष्टाचार रोधी विधेयक पेश करना है।
मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस ने मोदी पर ‘‘ढोंग’’ करने का आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने ‘एक्स’ पर दावा किया, ‘‘यह उस व्यक्ति का बड़बोलापन है जिसकी पार्टी के 94 सांसद आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से 63 पर गंभीर आरोप हैं; जिसकी पार्टी ने भ्रष्टाचार की जांच के तहत 25 विपक्षी नेताओं का स्वागत किया, जिनमें से 23 को क्लीन चिट मिल गई; जिसके मंत्रिमंडल में 28 मंत्री आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से 19 पर हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं; जिसके पिंजरे में बंद तोते, ईडी ने पिछले दशक में 5,892 मामलों में से केवल आठ में ही दोषसिद्धि कराई।’’
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘ ई² नीति पर चलती है: मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने के लिए ‘ईसीआई’ (निर्वाचन आयोग) का दुरुपयोग करना, राजनीतिक रूप से प्रेरित षड्यंत्रों को चलाने के लिए ‘ईडी’ (प्रवर्तन निदेशालय) को हथियार बनाना’’
टीएमसी ने दावा किया, ‘‘जब पहला ‘‘ई’’ विफल हो गया, तो उन्होंने दूसरा शुरू कर दिया। 130वां संविधान (संशोधन) विधेयक भ्रष्टाचार को खत्म करने के बारे में नहीं है; यह विपक्ष को खत्म करने के बारे में है।’’
भाषा
देवेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
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