नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जो देश आतंकवाद को राजनीतिक टूल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, आतंकवाद उनके लिए भी खतरा है. जलवायु संकट से लेकर अफगानिस्तान के मुद्दे पर पीएम मोदी ने अपनी बात रखी.
पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, ‘जो देश आतंकवाद का राजनीतिक टूल के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी खतरा है.’ मोदी ने कहा कि दुनियभर में चरमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग आतंकी गतिविधियों के लिए न हो. और वहां की नाजुक स्थितियों का गलत इस्तेमाल न हो.’ पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान की महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है और हमें मदद करनी चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि समुद्री सीमा का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हमारे समुद्र भी हमारी साझी विरासत है इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि ओसियन रिसोर्सेज को हम यूज करें अब्यूज नहीं.’
चीन का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, ‘हमारे समुद्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं. इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूजन की दौड़ से बचाकर रखना होगा.’
गौरतलब है कि आज ही मोदी ने क्वाड बैठक में भी हिस्सा लिया है और हाल ही में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन को नियंत्रित करने के मद्देनज़र ऑकस का गठन हुआ है.
पीएम मोदी ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता को लेकर उठ रहे सवाल को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र पर लगातार सवाल उठ रहे हैं और उसे अगर प्रासंगिक बने रहना है तो उसे अपनी विश्वसनीयता बढ़ानी होगी. बता दें कि पीएम मोदी पहले भी कई बार संयुक्त राष्ट्र में बदलावों की बात कह चुके हैं.
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‘वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का उदाहरण है भारत’
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दुनिया भर के वैक्सीन निर्माताओं से आह्वान किया कि वो भारत आए और यहां वैक्सीन का निर्माण करें. उन्होंने ये भी बताया कि भारत एक बार फिर से जरूरतमंद देशों को वैक्सीन देने लगा है.
मोदी ने कहा, ‘मैं यूएनजीए को ये जानकारी देना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन विकसित कर ली है जिसे 12 साल से ज्यादा आयु के सभी लोगों को लगाया जा सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘ग्लोबल वैल्यू चेन का विस्तार करना जरूरी है और मानव जाति के लिए तकनीक की भूमिका अहम है.’
पीएम मोदी ने कहा कि प्रगतिशील और वैज्ञानिक सोच को विकास का पैमाना बनाना होगा.
मोदी ने कहा, ‘लोकतंत्र की हमारी हज़ारों वर्षों की महान परंपरा रही है. इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आज़ादी के 75 वें साल में प्रवेश किया है. हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है. एक ऐसा देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन सहन, खान-पान है. ये वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का उदाहरण है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन की टी स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर यूएनजीए को संबोधित कर रहा है.
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