रोम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए शुक्रवार को इटली की राजधानी रोम पहुंचे, जहां वह कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य क्षेत्र को पटरी पर लाने, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर अन्य नेताओं के साथ चर्चा करेंगे.
मोदी ने यहां पहुंचने के बाद ट्वीट किया, ‘अहम वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण मंच जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रोम पहुंच गया हूं. मैं रोम की इस यात्रा के जरिए अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उत्साहित हूं.’
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां पहुंचे हैं. इसमें कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री की इटली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और इटली में भारत के राजदूत ने अगवानी की.’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर बताया कि मोदी का यहां पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. बागची ने ट्वीट किया, ‘रोम पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का, रोम पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कार्यक्रमों में व्यापक तौर पर भाग लेने के लिए उत्साहित हैं.’
भारत से रवाना होने से पहले बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में मोदी ने कहा कि वह इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी के आमंत्रण पर 29 से 31 अक्टूबर तक रोम और वेटिकन सिटी की यात्रा पर रहेंगे. इसके बाद वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आमंत्रण पर एक और दो नवंबर को ब्रिटेन के ग्लासगो में रहेंगे.
उन्होंने कहा, ‘रोम में मैं जी-20 देशों के समूह के 16वें शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और इसके नेताओं के साथ महामारी के दुष्प्रभावों से वैश्विक अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य को पटरी पर लाने, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करूंगा.’
प्रधानमंत्री ने बताया कि कोविड-19 महामारी फैलने के बाद वह पहली बार किसी शिखर सम्मेलन में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे.
उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठक वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों और महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को समावेशी व सतत तरीके से मजबूती देने के उपायों पर चर्चा का मौका प्रदान करेगी. उन्होंने कहा, ‘इटली के अपने दौरे पर मैं वेटिकन सिटी भी जाऊंगा और पोप फ्रांसिस तथा वहां के ‘सेक्रेटरी ऑफ स्टेट’ कार्डिनल पिएट्रो पारोलिन से मुलाकात करूंगा.’
जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी अन्य सहयोगी देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे और भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों में प्रगति की समीक्षा करेंगे. उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान विभिन्न द्विपक्षीय और समुदाय संबंधित कार्यक्रम भी होंगे.
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