नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सदस्य देशों के बीच सहमति के साथ जी20 ने ‘नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ को अपनाया है. पीएम मोदी ने इस दौरान ‘सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र पर दुनिया से आगे बढ़ने की अपील की.
अभी-अभी एक खुश खबरी मिली है।
हमारी Teams के hard work से और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली G20 लीडर समिट declaration पर सहमति बनी है।
मेरा प्रस्ताव है कि इस leaders declaration को भी adopt किया जाए।
मैं इस declaration को adopt करने की घोषणा करता हूं।
– पीएम @narendramodi… pic.twitter.com/XZOk9HRu01
— BJP (@BJP4India) September 9, 2023
मोदी ने यहां ‘भारत मंडपम’ में शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “अभी-अभी अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीम की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण, नयी दिल्ली जी20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन पर आम सहमति बन गई है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह मेरा प्रस्ताव है कि इस जी20 घोषणापत्र को अपनाया जाए.’’ सदस्यों की मंजूरी के बाद मोदी ने घोषणा की कि इसे स्वीकार कर लिया गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस अवसर पर मैं अपने मंत्रियों, शेरपा और सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से इसे संभव बनाया.’’
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‘मौजूदा ‘विश्वास की कमी’ को दूर कर इसे ‘वैश्विक भरोसे’ में बदलें’
जी20 शिखर सम्मेलन पर यूक्रेन विवाद की छाया के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को समूह के नेताओं का आह्वान किया कि वे मौजूदा ‘‘विश्वास की कमी’’ को दूर करें और अशांत वैश्विक अर्थव्यवस्था, आतंकवाद तथा खाद्य, ईंधन एवं उर्वरकों के प्रबंधन का ‘‘ठोस’’ समाधान सामूहिक रूप से निकालें.
मोदी ने शिखर सम्मेलन में अपने शुरुआती संबोधन में कहा कि जी20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत ‘‘पूरी दुनिया को एक साथ आने और सबसे पहले वैश्विक विश्वास की कमी को वैश्विक विश्वास और भरोसे में बदलने के लिए आमंत्रित करता है’’.
उन्होंने कहा कि इस समूह की भारत की अध्यक्षता देश के भीतर और बाहर ‘‘समावेश’’ का प्रतीक बन गई है, जो ‘सबका साथ’ की भावना का प्रतिनिधित्व करती है.
मोदी ने कहा, ‘‘कोविड-19 के बाद दुनिया में विश्वास की कमी का बहुत बड़ा संकट आ गया है. संघर्ष ने इस विश्वास की कमी को गहरा कर दिया है. जिस तरह हम कोविड पर काबू पा सकते हैं, उसी तरह हम आपसी विश्वास के इस संकट से भी पार पा सकते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक साथ चलने का समय है और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का मंत्र हम सभी के लिए एक मार्गदर्शक बन सकता है.’’
प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, इटली की उनकी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल और समूह के अन्य नेताओं की मौजूदगी में यह टिप्पणी की.
आमंत्रित देशों के नेता भी सत्र में उपस्थित थे.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.
मोदी ने ठोस समाधान की ओर बढ़ने को कहा
सभी को एक साथ चलने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, मोदी ने कहा, ‘‘चाहे वह एक अशांत वैश्विक अर्थव्यवस्था हो या उत्तर-दक्षिण विभाजन या पूर्व और पश्चिम के बीच की दूरी, भोजन, ईंधन और उर्वरक का प्रबंधन, या आतंकवाद और साइबर सुरक्षा से निपटना या स्वास्थ्य, ऊर्जा और जल सुरक्षा सुनिश्चित करना…हमें इन चुनौतियों के लिए ठोस समाधान की ओर बढ़ना चाहिए. न केवल वर्तमान के लिए, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी.’’
मोदी ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता ‘जनता की जी20’ बन गई है क्योंकि लाखों भारतीय इससे जुड़े हैं क्योंकि देशभर के 60 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकें आयोजित की गई हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘सबका साथ की भावना के तहत भारत ने जी20 में अफ्रीकी संघ की स्थायी सदस्यता का प्रस्ताव रखा. मेरा मानना है कि हम सभी इस प्रस्ताव पर सहमत हैं.’’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत एक स्तंभ पर प्राकृत भाषा में अंकित एक संदेश का जिक्र करते हुए की.
उन्होंने कहा कि संदेश का अर्थ यह है कि मानवता का कल्याण और खुशी हमेशा सुनिश्चित की जानी चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ढाई हजार साल पहले भारत की धरती ने पूरी दुनिया को यही संदेश दिया था.
मोदी ने कहा, ‘‘21वीं सदी एक ऐसा समय है जिसमें पूरी दुनिया को एक नयी दिशा देने की क्षमता है. यह एक ऐसा समय है जब वर्षों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान की मांग करती हैं. इसलिए, हमें मानव केंद्रित दृष्टिकोण के साथ अपनी सभी जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए आगे बढ़ना चाहिए.’’
जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और दुनिया की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की घोषणा की
भारत ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की शनिवार को घोषणा की और वैश्विक स्तर पर पेट्रोल के साथ इथेनॉल के सम्मिश्रण को बढ़ा कर 20 प्रतिशत तक करने की अपील के साथ जी20 देशों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक पृथ्वी’ सत्र को संबोधित करते हुए ‘पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 उपग्रह मिशन’ शुरू करने का प्रस्ताव भी किया. उन्होंने जी20 नेताओं से ‘ग्रीन क्रेडिट’ पहल पर भी काम शुरू करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, ‘‘आज समय की मांग है कि ईंधन सम्मिश्रण के क्षेत्र में सभी देश मिलकर काम करें. हमारा प्रस्ताव पेट्रोल में इथेनॉल सम्मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल करने का है.’’
इस सत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत विश्व के कई नेताओं ने भाग लिया.
मोदी ने कहा, ‘‘वैकल्पिक रूप से, हम व्यापक वैश्विक कल्याण के लिए एक और सम्मिश्रण पहल पर काम कर सकते हैं, जो स्थिर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ जलवायु सुरक्षा में भी सहायक होगी.’’
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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