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Saturday, 21 December, 2024
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‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने देश को किया संबोधित, हेल्थ और स्टार्ट-अप सहित कई मुद्दों पर की बात

मन की बात में पीएम मोदी ने हेल्थ और वेलनेस सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने पुलवामा के दो भाइयों का भी जिक्र किया. साथ ही स्वच्छता और नदियों की सफाई को लेकर भी अपने विचार जनता के सामने रखे.

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नई दिल्लीः पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देश की जनता को संबोधित किया. हर महीने आखिरी रविवार होने वाले इस कार्यक्रम का यह 81वां एडिशन था. पीएम मोदी ने अपनी संयुक्त राज्य अमेरिका की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा की समाप्ति पर यह कार्यक्रम किया.

मन की बात में ‘विश्व नदी दिवस’ पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘माघ का महीना आता है तो हमारे देश में बहुत लोग पूरे एक महीने मां गंगा या किसी और नदी के किनारे कल्पवास करते हैं. नदियों का स्मरण करने की परंपरा आज भले लुप्त हो गई हो या कहीं बहुत अल्पमात्रा में बची हो लेकिन एक बहुत बड़ी परंपरा थी जो प्रातः में ही स्नान करते समय ही विशाल भारत की एक यात्रा करा देती थी.’

उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ‘जैसे गुजरात में बारिश की शुरुआत होती है तो गुजरात में जल-जीलनी एकादशी मनाते हैं. उसी प्रकार से बारिश के बाद बिहार और पूरब के हिस्सों में छठ का महापर्व मनाया जाता है. मुझे उम्मीद है कि छठ पूजा को देखते हुए नदियों के किनारे, घाटों की सफाई और मरम्मत की तैयारी शुरू कर दी गई होगी.’

उन्होंने कहा कि हम नदियों की सफाई और उन्हें प्रदूषण से मुक्त करने का काम सबके प्रयास और सबके सहयोग से कर ही सकते हैं. ‘नमामि गंगे मिशन’ भी आज आगे बढ़ रहा है तो इसमें सभी लोगों के प्रयास, एक प्रकार से जन-जागृति, जन-आंदोलन, की बहुत बड़ी भूमिका है.

स्वच्छता पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे आज के नौजवान को ये जरुर जानना चाहिए कि साफ़-सफाई के अभियान ने कैसे आजादी के आन्दोलन को एक निरंतर ऊर्जा दी थी.

उन्होंने कहा कि, ये महात्मा गांधी ही तो थे, जिन्होंने स्वच्छता को जन-आन्दोलन बनाने का काम किया था. आज इतने दशकों बाद, स्वच्छता आन्दोलन ने एक बार फिर देश को नए भारत के सपने के साथ जोड़ने का काम किया है. और ये हमारी आदतों को बदलने का भी अभियान बन रहा है.

हेल्थकेयर और वेलनेस पर भी पीएम मोदी ने अपने विचार प्रकट किए. उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर और वेलनेस को लेकर आज जिज्ञासा भी बढ़ी है और जागरूकता भी.

उन्होंने कहा कि हमारे देश में पारंपरिक रूप से ऐसे नेचुरल प्रोडक्ट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं जो वेलनेस यानि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर, खेती में हो रहे नए प्रयोग, नए विकल्प, लगातार, स्वरोजगार के नए साधन बना रहे हैं.

पुलवामा के दो भाइयों की कहानी उन्होंने मन की बात में बताई. 39 साल के बिलाल अहमद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे हाइली क्वालीफाइड हैं, उन्होंने कई डिग्रियां हासिल कर रखी हैं. अपनी उच्च शिक्षा से जुड़े अनुभवों का इस्तेमाल आज वो कृषि में खुद का स्टार्ट-अप बनाकर कर रहे हैं. बिलाल जी ने अपने घर पर ही वर्मी कंपोस्ट की यूनिट लगाई है.

आगे उन्होंने कहा कि इस यूनिट से तैयार होने वाले बायो फर्टिलाइजर से न केवल खेती में काफी लाभ हुआ है, बल्कि यह लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी लेकर आया है. हर साल इन भाइयों की यूनिट से किसानों को करीब तीन हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि पुलवामा के शेख भाइयों ने जॉब सीकर बनने की जगह जॉब क्रिएटर बनने का संकल्प लिया और आज वो जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि देश भर के लोगों को नई राह दिखा रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि 25 सितम्बर को देश की महान संतान पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म-जयंती होती है. दीनदयाल जी, पिछली सदी के सबसे बड़े विचारकों में से एक हैं. उनका अर्थ-दर्शन, समाज को सशक्त करने के लिए उनकी नीतियाँ, उनका दिखाया अंत्योदय का मार्ग, आज भी जितना प्रासंगिक है, उतना ही प्रेरणादायी भी है. उन्होंने कहा कि तीन साल पहले 25 सितम्बर को उनकी जन्म-जयंती पर ही दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ एश्योरेंस स्कीम आयुष्मान भारत योजना लागू की गई थी.

उन्होंने कहा कि आज देश के दो-सवा-दो करोड़ से अधिक गरीबों को आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पताल में 5 लाख रु तक का मुफ्त इलाज मिल चुका है.

दीनदयाल जी ने सीख दी, कि हम समाज से, देश से इतना कुछ लेते हैं, जो कुछ भी है, वो देश की वजह से ही तो है इसलिए देश के प्रति अपना ऋण कैसे चुकाएंगे, इस बारे में सोचना चाहिए. ये आज के युवाओं के लिए बहुत बड़ा सन्देश है.


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