नई दिल्ली: आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं. एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं. कोरोना संकट के दौरान AMU ने जिस तरह समाज की मदद की वो अभूतर्पूव है. पीएम मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के शताब्दी समारोह में बोलते हुए ये बातें कहीं.
आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं।
एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/rw3AkWodj7
— BJP (@BJP4India) December 22, 2020
पीएम ने कहा लोगों का मुफ्त टेस्ट कराना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में एक बड़ी राशि का योगदान देना समाज के प्रति आपके दायित्यों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है.
उन्होंने कहा, ‘मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है. अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है.’
यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी. अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृत की शिक्षा भी दी जाती है.
मोदी ने कहा कि आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं. बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले. बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए. बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला.
पीएम ने कहा कि देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें. सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है. देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है.
Malpractice of triple talaq has ended: PM Modi in his address at AMU
— Press Trust of India (@PTI_News) December 22, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि ट्रिपल तलाक का गलत इस्तेमाल खत्म हुआ.
उन्होंने कहा कि पहले मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है. पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है. हमारे देश के युवा Nation First के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
पीएम ने कहा कि आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है. जिस सदी को भारत की बताया जा रहा है, उस लक्ष्य की तरफ भारत कैसे आगे बढ़ता है, इसे लेकर सब उत्सुक हैं. इसलिए हम सबका एकनिष्ठ लक्ष्य ये होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं.
पिछली शतब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका है. अब समय नहीं गंवाना है, सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है.
मोदी ने कहा समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए. जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें.
पीएम ने कहा कि ‘हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का अहम हिस्सा है. लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं. सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है.