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Monday, 4 November, 2024
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कॉप -14 कॉन्‍फ्रेंस में बोले पीएम- भारत बंद कर रहा है सिंगल यूज प्लास्टिक, दुनिया भी साथ दे

पीएम मोदी ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा स्थित एक्सपोमार्ट ग्लोबल कन्वेंशन को संबोधित किया. इस दौरान कई देशों के प्रतिनिधि पहुंचे.

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नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा स्थित एक्सपोमार्ट ग्लोबल कन्वेंशन को संबोधित किया. इस कॉप 14वें सम्मेलन में कुल 196 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं. भारत सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद कर रहा है दुनिया भी साथ दे.

कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन का असर जमीन, समुद्र, प्रदूषण, तापमान बारिश सब जगह पड़ रहा है. आप चकित होंगे कि दो तिहाई देश इससे बुरी तरह प्रभावित हैं. सभी संयुक्त रूप से पानी की समस्या दूनिया झेल रही है.

पीएम ने सुझाव दिया कि ग्लोबल वाटर एजेंडा बने. धरती की सेहत सुधारना विकास के लिए बहुत जरूरी है. यह हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है कि भारत प्रकृति के साथ संबंध बना कर चलता है.  2015-2017 के बीच फॉरेस्ट कवर 1.8 मिलियन हेक्टेयर कवर किया है.

सिंचाई के जरिए पानी बचाने की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने माइक्रो इरिगेशन के लिए पर ड्रॉप, मोर क्रॉप पर भारत के काम करने की बात की. उन्होंने जमीन की सेहत सुधारने की बात करते हुए किसानों को स्वाइल्ड हेल्थ कार्ड देने की बात कही. उन्होंने कहा कि वह 217 मिलियन हेल्थ कार्ड बांटे हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं आपका ध्यान धरती को नुकसान पहुंचाने वाले प्लास्टिक की ओर खींचना चाहता हूं. मेरा यकीन है कि सिंगल यूज प्लास्टिक मानव सशक्तीकरण के काम आएगी. सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर सबका समर्थन मिल रहा है. मीडिया भी इसके लिए महत्वपूऱ्ण भूमिका निभा रहा है, दुनिया भी साथ दे.

पीएम ने कहा, हम सभी को स्थिर विकास के लक्ष्यों को पाने के लिए ग्लोबल रणनीति बनाने की जरूरत है.

जलवायु परिवर्तन विभिन्न प्रकार के भू-क्षरण, समुद्र के स्तर में वृद्धि और लहरों की गतिविधियों का कारण बन रहा है.
पीएम ने कहा कि भारत दो साल के कार्यकाल के लिए सीओपी प्रेसीडेंसी को संभालने के लिए एक प्रभावी योगदान देने के लिए भी तत्पर है.

पीएम ने कहा कि भारत सभी तीन कन्वेंशन में दुनिया की मेजबानी की है. उन्होंने कहा, ‘मैंने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीसीडी) को भू-क्षरण न्यूट्रलिटी के लिए है ग्लोबल वाटर एक्शन एजेंडा बनाने का आह्वान किया. भूमि के नुकसान की बात पानी की न्यूनता से जुड़ी है. पानी की आपूर्ति में वृद्धि, वाटर रिचार्ज को बढ़ाने, मिट्टी में नमी बनाए रखना सभी एक समग्र भूमि और जल रणनीति के हिस्से हैं.

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