नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत और किर्गिज व्यापार समुदायों के बीच बिज़नेस फोरम के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के लिए प्रसन्नता का विषय है. पीएम मोदी बिश्केक में भारत और किर्गिस्तान के बिजनेस फोरम को संबोधित कर रहे थे.
पीएम ने कहा कि विश्व की अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलाव आ रहा है, ऐसे में भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि और टेक्नोलॉजिकल विकास विश्व में स्थायित्व और आशा के प्रमुख कारक है. भारत एक विशाल मार्केट तो है ही साथ ही हमारे देश की युवा प्रतिभा और उत्साही इनोवेटर्स 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवथा बनाने के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
पीएम ने कहा कि वर्तमान में हमारा द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक भागीदारी संभावना से काफी कम है इसीलिए बिजनेस फॉरम की यह पहल बहुत उपयुक्त समय पर की जा रही है. उन्होंने कहा कि मेरे विचार में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए तीन कैटेलिस्ट हैं -उपयुक्त माहौल, कनेक्टिविटी और बिजनेस टू बिजनेस आदान-प्रदान. पीएम ने कहा कि भारत ने इस व्यापार के लिए पांच साल का एक रोडमैप तैयार किया है. उन्होंने कहा कि चाबहार पोर्ट दोनों देशों के व्यापार के लिए एक बेहतरीन और नए रास्ते के रूप में उभर रहा है और इससे दोनों देशों को काफी फायदा होने वाला है.
एससीओ की बैठक में आतंकवाद को बनाया बड़ा मुद्दा
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोपहर एससीओ (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेन) सदस्य देशों के नेताओं को बिश्केक में संबोधित किया. पीएम ने इस दौरान सदस्य देशों से आर्थिक सहयोग बढ़ाने के साथ आतंकवाद के मुद्दे को खासतौर पर उठाया. वह गुरुवार को यहां एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं जो 14 जून तक चलेगा.
Prime Minister Narendra Modi addressing the leaders of Shanghai Cooperation Organisation member states at the SCO summit in Bishkek, Kyrgyzstan. pic.twitter.com/hiJzyVLhj0
— ANI (@ANI) June 14, 2019
पीएम ने शांति प्रक्रिया के लिहाज से आतंकवाद को इस समय सबसे बड़ी समस्या बताया है. इससे निपटने के लिए एससीओ देशों को साथ आने को कहा. इसके खात्मे पर जोर देते हुए इसे क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बताया.
वहीं पीएम ने अपने संबोधन में लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान देने के लिए हेल्थकेयर जैसी कार्य योजना पर सदस्य देशों को आगे आने को कहा. इसमें सभी विकासशील देशों का हितों को ध्यान रखने की बात कही.
उन्होंने कहा कि आज हम महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं. उन्होंने जलावायु परिवर्तन से निपटने के लिए खास तौर पर जोर देते हुए कहा कि हम इसके लिए प्रतिबद्ध है. भारत धरती को माता मानता है, इस लिहाज से वह सौर ऊर्जा और रिन्यूवल एनर्जी के क्षेत्र में काफी निवेश कर रहा है. एससीओ देशों को इस दिशा में अपना अनुभव साझा करना चाहिए.
पीएम ने कहा कि लिटरेचर और कल्चर के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमारे समाजों को एक सकारात्मतक गतिविधि प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा आधुनिक समय में बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है. हमें लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर जोर देना होगा. प्रधानमंत्री ने अमेठी में एके-203 की फैक्ट्री लगाने के लिए रूस के समर्थन को लेकर धन्यावाद दिया.
वहीं पीएम आज बिश्केक में ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी से मिलेंगे. इससे पहले गुरुवार को वह ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता कर चुके हैं.
प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम का पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
बता दें कि दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी का एससीओ पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है. एससीओ, चीन के नेतृत्व वाला आठ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा समूह है जिसमें भारत और पाकिस्तान को 2017 में शामिल किया गया था.
वहीं इससे पहले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक पहुंचे. एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी होनी तय थी. शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहेंगे, लेकिन मोदी पाक प्रधानमंत्री से कोई बातचीत नहीं करेंगे.
आपको बता दें, चर्चा यह थी कि प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक जाएंगे, लेकिन बाद में भारत ने इसे ख़ारिज कर दिया. भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया था कि वह पीएम के विमान को बिश्केक जाने के लिए उसके हवाई क्षेत्र से गुजरने की इजाजत दे. पाकिस्तान सैद्धांतिक रूप से इसके लिए तैयार हो गया था.
किर्गिस्तान में भारतीय राजदूत आलोक डिमरी, शंघाई सहयोग संगठन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की किर्गिस्तान की यात्रा को लेकर बताया कि शिखर सम्मेलन समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री की किर्गिस्तान की द्विपक्षीय यात्रा 14 जून से शुरू होगी. वह एक व्यापार मंच का उद्घाटन करेंगे. प्रतिनिधिमंडल स्तर पर भी बातचीत होगी.