scorecardresearch
Tuesday, 22 July, 2025
होमदेशप्रधानमंत्री ने स्वच्छता के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए बिंदेश्वर पाठक की सराहना की

प्रधानमंत्री ने स्वच्छता के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए बिंदेश्वर पाठक की सराहना की

Text Size:

(फाइल तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता पर महात्मा गांधी के विचारों का संस्थागत समाधान देने में ‘‘बड़ा योगदान’’ देने के लिए ‘सुलभ इंटरनेशनल’ के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक की रविवार को सराहना की। सामाजिक कार्यकर्ता पाठक का पिछले मंगलवार को यहां एम्स में दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया था। वह 80 साल के थे। उन्होंने देश में सार्वजनिक शौचालय बनाने के लिए काफी काम किया था।

मोदी ने पाठक पर एक हिंदी दैनिक में लिखे लेख में कहा कि वह स्वच्छता को लेकर पाठक का जज्बा तब से देखते रहे हैं जब वह गुजरात में थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, “15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह के बीच इस खबर को आत्मसात कर पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल था कि बिंदेश्वर जी हमारे बीच नहीं रहे। सहज, सरल, विनम्र व्यक्तित्व के धनी सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर जी का जाना एक अपूरणीय क्षति है।”

उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को पाठक के जीवन से श्रम की गरिमा सीखनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने ‘अमर उजाला’ में लिखे लेख में कहा, “उनके लिए कोई काम छोटा न था और न ही उनके लिए कोई व्यक्ति छोटा था। साफ-स‍फाई के काम में जुटे हमारे भाई-बहनों को गरिमामय जीवन दिलाने के लिए उनके प्रयास की दुनिया भर में प्रशंसा हुई है। मुझे याद है कि जब मैंने साफ-सफाई करने वाले भाई-बहनों के पैर धोए थे तो बिंदेश्वर जी इतना भावुक हो गए थे कि उन्होंने मुझसे काफी देर तक उस प्रसंग की चर्चा की थी।”

मोदी ने कहा, “मुझे संतोष है कि स्वच्छ भारत अभियान आज गरीबों के लिए गरिमामय जीवन का प्रतीक बन गया है। ऐसी भी रिपोर्ट हैं, जिनसे यह साबित हुआ है कि स्वच्छ भारत अभियान के कारण आम लोगों को गंदगी से होने वाली बीमारियों से मुक्ति मिल रही है और स्वस्थ जीवन के रास्ते खुल रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि स्वच्छ भारत मिशन की वजह से तीन लाख लोगों की मृत्यु होने से रुकी है।

उन्होंने कहा, “इतना ही नहीं, यूनिसेफ ने यह तक कहा है कि स्वच्छ भारत मिशन की वजह से गरीबों के हर साल 50 हजार रुपये तक बच रहे हैं। अगर स्वच्छ भारत मिशन नहीं होता, तो इतने ही रुपये गरीबों को गंदगी से होने वाली बीमारियों के इलाज में खर्च करने पड़ते। स्वच्छ भारत मिशन को इस ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए बिंदेश्वर जी का मार्गदर्शन बहुत ही उपयोगी रहा।”

मोदी ने कहा, “स्वच्छ भारत से स्वस्थ भारत, स्वस्थ भारत से समरस भारत, समरस भारत से सशक्त भारत, सशक्त भारत से समृद्ध भारत की यह यात्रा, अमृतकाल की सबसे जीवंत यात्रा होगी। हां, इस यात्रा में मुझे बिंदेश्वर जी की कमी महसूस होगी। उन्हें एक बार फिर विनम्र श्रद्धांजलि।”

अपना लेख सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए मोदी ने कहा, “यह मेरा सौभाग्य रहा है कि स्वच्छता के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने वाले डॉ. बिंदेश्वर पाठक के जीवन और मिशन को मुझे बहुत करीब से जानने का अवसर मिला।”

‘सुलभ इंटरनेशनल’ एक सामाजिक सेवा संगठन है जो मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन तथा शिक्षा के माध्यम से सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।

भाषा नोमान नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments