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Saturday, 16 November, 2024
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प्रधानमंत्री ने यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी के अभियान में शामिल अधिकारियों, से किया संवाद

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नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए चलाए गए अभियान ‘ऑपरेशन गंगा’ में शामिल दूतावासों के अधिकारियों और सामुदायिक संगठनों से संवाद किया और कहा कि भारत ने किसी भी अंतरराष्ट्रीय संकट के दौरान अपने नागरिकों की सहायता के लिए हमेशा तत्परता से काम किया है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि डिजिटल तरीके से आयोजित संवाद के दौरान मोदी ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सदियों पुराने दर्शन द्वारा निर्देशित भारत ने विदेश में भारतीयों की सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता देते हुए आपात स्थिति के दौरान अन्य देशों के नागरिकों को भी मानवीय सहायता प्रदान की है।

मोदी ने भारतीय समुदाय के नेताओं, स्वयंसेवी समूहों, कंपनियों, निजी व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों की सराहना की जिन्होंने युद्ध प्रभावित यूक्रेन से भारतीयों की निकासी के अभियान की सफलता के लिए अथक कोशिश की। उन्होंने ‘ऑपरेशन गंगा’ में शामिल सभी हितधारकों द्वारा प्रदर्शित देशभक्ति, सामुदायिक सेवा की भावना और टीम भावना की प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से विभिन्न सामुदायिक संगठनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी निस्वार्थ सेवा भारतीय सभ्यता के मूल्यों का उदाहरण है जो वे विदेश में भी कायम रखे हुए हैं। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में प्रधानमंत्री ने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के नेताओं के साथ अपनी व्यक्तिगत बातचीत को याद किया और सभी विदेशी सरकारों से प्राप्त समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।

पीएमओ के अनुसार, ‘ऑपरेशन गंगा’ के माध्यम से लगभग 23,000 भारतीय नागरिकों के साथ-साथ 18 देशों के 147 विदेशी नागरिकों को यूक्रेन से सफलतापूर्वक निकाला गया। विज्ञप्ति के मुताबिक बातचीत के दौरान, यूक्रेन, पोलैंड, स्लोवाकिया, रोमानिया और हंगरी में भारतीय समुदाय और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने ‘ऑपरेशन गंगा’ का हिस्सा बनने के अपने अनुभव, उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया तथा इस तरह के जटिल मानवीय अभियान में योगदान पर संतोष और सम्मान की भावना व्यक्त की।

भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के अभियान में ‘‘विशेष दूत’’ के तौर पर यूक्रेन की सीमा से सटे देशों में भेजे गए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वी के सिंह, किरेन रिजिजू और हरदीप सिंह पुरी ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में एक बयान में मुश्किल एवं चुनौतीपूर्ण हालात में युद्धग्रस्त यूक्रेन से छात्रों सहित 22,500 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी अन्य देश वहां से इतनी संख्या में अपने नागरिकों को नहीं निकाल सका जितना भारत ने किया।

उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण अभ्यास में पूरा तंत्र जुड़ा था जिसमें प्रधानमंत्री मोदी स्वयं लगभग हर रोज समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता कर रहे थे तथा विदेश मंत्रालय में 24 घंटे के आधार पर निकासी कार्यों की निगरानी की गयी।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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