सासण (गुजरात), तीन मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया जहां उन्होंने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की, शेरों की संख्या का अनुमान लगाने के 16वें चक्र की शुरुआत की घोषणा की और बाघों, घड़ियालों तथा गंभीर रूप से लुप्तप्राय पक्षियों के लिए संरक्षण योजनाओं का अनावरण किया।
विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने जूनागढ़ में राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल केंद्र की आधारशिला रखी और जंगलों में आग और मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कृत्रिम मेधा के इस्तेमाल पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने देश में पहली बार नदी डॉल्फिन आकलन रिपोर्ट जारी की जिसमें जलीय स्तनधारियों की संख्या 6,327 आंकी गई।
गिर राष्ट्रीय उद्यान में अपनी सफारी पूरी करने के तुरंत बाद मोदी एनबीडब्ल्यूएल बैठक के लिए रवाना हुए जिसका समापन केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और बोर्ड के अन्य सदस्यों ने किया।
बैठक में मोदी ने घड़ियाल पर एक नई संरक्षण परियोजना और गंभीर रूप से लुप्तप्राय पक्षी प्रजातियों के संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता पर विचार करने के बाद एक राष्ट्रीय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण कार्य योजना शुरू करने की घोषणा की।
उन्होंने अभयारण्यों के बाहर बाघों के संरक्षण पर केंद्रित एक योजना का खाका पेश किया, जिसका उद्देश्य स्थानीय समुदायों के साथ सह-अस्तित्व सुनिश्चित करके मानव-बाघ संघर्षों का समाधान करना है।
बोर्ड ने डॉल्फ़िन और एशियाई शेरों के संरक्षण के प्रयासों और एक अंतरराष्ट्रीय बिग कैट्स एलायंस की स्थापना पर चर्चा की।
एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (सीएमएस) के तहत सहयोग बढ़ाने का सुझाव दिया।
इसमें कहा गया कि प्रस्तावित वन्यजीव रेफरल केंद्र वन्यजीव स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं के समन्वय और शासन के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
एशियाई शेरों की आबादी का आकलन हर पांच साल में एक बार किया जाता है और इस तरह का आखिरी अभ्यास 2020 में आयोजित किया गया था। बयान के अनुसार बैठक में मोदी ने शेर आकलन अभ्यास के 16वें चक्र की इस साल मई में शुरुआत की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि मानव-वन्यजीव संघर्षों के प्रभावी प्रबंधन के लिए तमिलनाडु के कोयंबटूर में सैकॉन (सालिम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री) में भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) परिसर में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
केंद्र राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन्नत तकनीक, ट्रैकिंग और पूर्व चेतावनी के लिए गैजेट्स, निगरानी और घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणालियों को निर्धारित करने और संघर्ष शमन उपायों को निष्पादित करने के लिए फील्ड चिकित्सकों और समुदाय की क्षमता का निर्माण करने में मदद करेगा।
मोदी ने जंगल की आग और मानव-पशु संघर्ष जैसे मुद्दों से निपटने के लिए रिमोट सेंसिंग और भू-स्थानिक मानचित्रण और कृत्रिम मेधा (एआई) तथा मशीन लर्निंग (एमएल) के उपयोग पर जोर दिया।
बयान के अनुसार, उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष की चुनौती से निपटने के लिए भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन) के साथ मिलकर डब्ल्यूआईआई की भागीदारी का सुझाव दिया।
एशियाई शेरों ने अब प्राकृतिक फैलाव के माध्यम से गुजरात में बरदा वन्यजीव अभयारण्य को अपना घर बना लिया है।
वन्यजीव आवासों के विकास और संरक्षण के साधन के रूप में इको-टूरिज्म के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि वन्यजीव पर्यटन के लिए यात्रा और कनेक्टिविटी में आसानी होनी चाहिए।
एनबीडब्ल्यूएल ने वन्यजीव संरक्षण में सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों की समीक्षा की, नए संरक्षित क्षेत्रों के निर्माण और प्रजाति-विशिष्ट प्रमुख कार्यक्रमों जैसे प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफेंट, प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड में उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय से अनुसंधान और विकास के लिए वनों और वन्यजीवों के संरक्षण और प्रबंधन के संबंध में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के पारंपरिक ज्ञान और पांडुलिपियों को इकट्ठा करने को भी कहा।
भाषा ब्रजेन्द्र नरेश
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