गुवाहाटी, 30 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैंडों के अवैध शिकार के मामलों को करने के लिए असम की जनता और राज्य सरकार के प्रयासों की रविवार को सराहना की। राज्य में 2013 में गैंडों के शिकार के 37 मामले थे जबकि 2021 में शिकार का सिर्फ एक मामला आया है।
प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, ‘‘जब इमानदारी से प्रयास किया जाता है, नेक इरादे से काम किया जाता है, तो परिणाम भी सामने आते हैं।’’
मोदी की सराहना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि प्रतिष्ठित एक सींग वाले गैंडे के अवैध शिकार को समाप्त किया जाए। राज्य में अवैध शिकार रोधी दस्ते के प्रमुख और विशेष डीजीपी जी पी सिंह ने भी अवैध शिकार को पूरी तरह से रोकने का संकल्प दोहराया।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने असम के एक सींग वाले गैंडों के अवैध शिकार के खतरे के बारे में बात की, जो वर्षों से खतरा झेल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनौती से निपटने के लिए, पिछले सात वर्षों में असम सरकार के विशेष प्रयासों से गैंडों के अवैध शिकार के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया गया।’’
मोदी ने कहा कि पिछले साल 22 सितंबर को विश्व गैंडा दिवस के अवसर पर तस्करों से जब्त किए गए 2400 से अधिक सींग जलाए गए थे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह शिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश था। ऐसे प्रयासों का नतीजा है कि अब असम में गैंडों के शिकार में लगातार कमी आ रही है।’’ 2013 में मारे गए गैंडों की संख्या 37 थी, जो 2020 में घटकर दो और 2021 में एक हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘मैं गैंडों को बचाने के लिए असम के लोगों के संकल्प की सराहना करता हूं।’’ मोदी ने यह भी कहा कि असम चाय बागानों और राष्ट्रीय उद्यानों के साथ एक सींग वाले गैंडे का पर्याय है और यह पशु हमेशा से असमिया संस्कृति का हिस्सा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पहली बार 2016 में राज्य में सत्ता में आई थी। मौजूदा केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने तब राज्य में सरकार का नेतृत्व किया था। भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों में लगातार दूसरी बार सत्ता में आया, जिसमें सरमा ने बागडोर संभाली।
अवैध शिकार रोधी गतिविधियों की सराहना के लिए सरमा ने कई ट्वीट कर प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए लिखा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा एकल-सींग वाले गैंडों के संरक्षण पर हमारे प्रयासों को सराहे जाने से बेहद प्रेरित हैं। लोगों के समर्थन से असम सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हमारे बहुमूल्य धरोहर के अवैध शिकार का खतरा पूरी तरह से समाप्त हो जाए। आदरणीय प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन अनमोल है।’’
मन की बात को ‘असम के लिए विशेष’ बताते हुए सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने न केवल अवैध शिकार रोधी प्रयासों में लोगों की भूमिका को स्वीकार किया, बल्कि भूपेन हजारिका के काजीरंगा गीत को बजाकर हमें भावुक भी किया, जो ‘‘असम के लिए प्रेरणा’’ हैं। यह हमारे प्रति प्रधानमंत्री का प्यार दर्शाता है।’’
मोदी के रेडियो प्रसारण में दिवंगत हजारिका के असमिया भाषा के गीत का एक हिस्सा शामिल था, जिसमें बाद में प्रधानमंत्री ने अपने श्रोताओं को गीत के बोल समझाए।
मोदी ने कहा, ‘‘…इस गीत का जो अर्थ है वो बहुत सुसंगत है। इस गीत में कहा गया है, काजीरंगा का हरा-भरा परिवेश, हाथी और बाघ का निवास, एक सींग वाले गैंडे को पृथ्वी देखे, पक्षियों का मधुर कलरव सुने। असम की विश्वप्रसिद्ध हथकरघा पर बुनी गई मूंगा और एरी की पोशाकों में भी गैंडो की आकृति दिखाई देती है। असम की संस्कृति में जिस गैंडे की इतनी बड़ी महिमा है, उसे भी संकटों का सामना करना पड़ता था।’’
असम के विशेष डीजीपी और गैंडों के शिकार रोधी कार्य बल के प्रमुख जी पी सिंह ने भी प्रधानमंत्री द्वारा इन प्रयासों को मान्यता देने के लिए ट्विटर पर उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह असम पुलिस और असम वन विभाग के लिए गर्व का क्षण है कि माननीय प्रधानमंत्री ने हमारे संयुक्त प्रयास को मान्यता दी है।’’
शिकार रोधी कार्य बल के प्रमुख के रूप में सिंह ने असम के प्रत्येक पुरुष और महिला को इस ‘‘शानदार प्रयास’’ के लिए बधाई दी। हालांकि, अवैध शिकार के मामलों में काफी कमी आई है, लेकिन इस साल का पहला संदिग्ध मामला 20 जनवरी को सामने आया जब काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के अंदर एक वयस्क मादा गैंडे का शव मिला, जिसके सींग गायब थे।
भाषा सुरभि रंजन
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