नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच के अनुरोध वाली कांग्रेस नेता की एक याचिका ‘‘पूरी तरह बेबुनियाद’’ बताते हुए खारिज कर दी। इस याचिका में आरोप लगाया गया कि उनके खालिस्तानी अलगाववादियों से संबंध हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि वह इस तरह की तुच्छ याचिकाएं दायर नहीं करें।
पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘याचिका में आप कहते हैं कि अधिकारियों को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री का केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र की जानकारी है। किसी जांच के लिए हमारे निर्देश देने का सवाल कहां पैदा हो रहा है? कृपया इस तरह की तुच्छ याचिकाएं दर्ज न करें। यह पूरी तरह से बेबुनियाद है। क्या यह सोचने का कोई कारण है कि अधिकारी कार्रवाई नहीं करेंगे या कार्रवाई नहीं कर रहे हैं?’’
अदालत कांग्रेस नेता जगदीश शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन आरोपों की जांच का अनुरोध किया था कि आप और उसके संयोजक केजरीवाल के प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और अन्य खालिस्तानी ताकतों से संबंध हैं तथा पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए उनसे धन प्राप्त किया है।
याचिका में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा लिखे गए एक पत्र और उसी तर्ज पर आप के पूर्व नेता कुमार विश्वास के बयान का हवाला दिया गया।
याचिका में कहा गया, ‘‘सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक सदस्य गुरपंत सिंह पन्नू का एक पत्र भी मिला जिसमें लिखा था कि एसएफजे ने 2017 के विधानसभा चुनाव में आप को समर्थन दिया था और इसी तरह इन चुनावों में भी एसएफजे ने मतदाताओं से आम आदमी पार्टी को वोट देने का आह्वान किया।’’
अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया, ‘‘इस पत्र को ध्यान में रखते हुए यानी आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल का इन अलगाववादी ताकतों के साथ संबंध को लेकर पंजाब के (तत्कालीन) मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के लिए अमित शाह (गृह मंत्री) को एक पत्र भी लिखा।’’
याचिका में कहा गया, ‘‘आरोप इतने गंभीर थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन अलगाववादी ताकतों और इनके द्वारा समर्थित पार्टी से सावधान रहने की घोषणा की थी। आरोप इतने गंभीर प्रकृति के होने और आम आदमी पार्टी तथा पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल से देश की सुरक्षा को खतरा की आशंका के बावजूद, केंद्र सरकार ने कोई जांच शुरू नहीं की है।’’
याचिका में आप की मान्यता अस्थायी रूप से निलंबित करने और जांच पूरी होने तक पार्टी को कोई भी चुनाव लड़ने से रोकने का भी अनुरोध किया गया था। आम आदमी पार्टी ने पंजाब में विधानसभा चुनाव में 117 में से 92 सीटों पर जीत हासिल की थी।
भाषा आशीष अनूप
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